..तेरे आगे आसमान और भी है
मऊ : बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं। कुछ बच्चों ने बहुत अच्छे प्रदर्शन किए, कु
मऊ : बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं। कुछ बच्चों ने बहुत अच्छे प्रदर्शन किए, कुछ का औसत रहा। सभी सफल बच्चों को बधाइयां व शुभकामनाएं। कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हें शायद असफलता मिली हो, ऐसे बच्चों को निराश होने की जरूरत नहीं और न ही अभिभावकों को उन्हें किसी प्रकार का दोष देने की। हो सकता है कि इस बार उनकी तैयारी में कोई कसर रह गई हो और यह कोई ¨जदगी की आखिरी दौड़ तो है नहीं। मैदाने जंग में घुड़सवार ही गिरते हैं, उठते हैं और फिर दौड़ लगाते हैं। अंतत: जज्बा और संघर्ष दो ऐसे अस्त्र हैं जो व्यक्ति को उसकी मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं। निराशा किसी भी समस्या का हल नहीं होता। इसलिए निराशा को त्याग परिणामों से और बल प्राप्त करना होगा। खोजना होगा कि कमियां कहां रह गई थीं। उन्हें दूर कर अपने आप को तैयार करना होगा, अगली रेस के लिए। सफलता निश्चित ही मिलेगी।
कुछ औसत बच्चों के मार्क्स शायद कम आए हों, उनके अभिभावक ¨चतित होंगे कि उन्हें किसी अच्छे कॉलेज में प्रवेश नहीं मिलेगा, लेकिन उन्हें जानना चाहिए कि शहर से लेकर देहात तक तमाम ऐसे उदाहरण मौजूद हैं कि बच्चों के बोर्ड परीक्षा में सामान्य अंक आए, लेकिन अब वे उच्च पदों पर तैनात हैं। उन्हें सही राह दिखाएं और वे जो बनना चाहते हैं, उसके लिए उचित मार्गदर्शन करें। हर बच्चे में एक प्रकृति प्रदत्त प्रतिभा होती है। प्रत्येक बच्चे की प्रकृति अलग-अलग होती है। अंकों की तुलना में जरूरी है कि बच्चे का रास्ता सही हो, उसका मार्गदर्शन उसकी रुचि के कैरियर और उसकी क्षमता के अनुरूप हो, जिससे उसका भविष्य संवर सके। ऐसा भी देखने में आता है कि कई माता पिता बच्चों पर चु¨नदा कोर्स करवाने का दबाव डालते हैं। इस कारण जिन विषयों में बच्चों की रुचि नहीं होती, उनमें वे ज्यादा अंक हासिल नहीं कर पाते हैं। इससे बच्चे हताश हो जाते हैं। बच्चों को उनकी रुचि के मुताबिक शिक्षा देनी चाहिए। अंकों की दौड़ की बजाय उन्हें अपने पंखों को विकसित कर उनकी मनचाही दिशा में उड़ान भरने का हौसला दें, जज्बा भरें। बच्चों को भी अपने अंकों या मनचाहे परसेंटेज न मिलने से निराश हुए बगैर भविष्य का रास्ता तय कर उसके अनुरूप गाइडेंस लें, उसकी तैयारी में पूरे हौसले व जज्बे से जुट जाना चाहिए। दुनिया का कोई काम ऐसा नहीं है, जो वे नहीं कर सकते। अल्लामा इकबाल की ये पंक्ति ऐसे ही ऊर्जा से भरपूर युवाओं के लिए है '..तू शाहीन है, परवाज है काम तेरा, तेरे आगे आसमान और भी है।'
-प्रकाश ¨बदु (आइएएस), जिलाधिकारी, मऊ।