कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का संवर रहा जीवन
(आरबीएसके) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बच्चों में चिह्नित 38 प्रकार की बीमारियों की समय
(आरबीएसके), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बच्चों में चिह्नित 38 प्रकार की बीमारियों की समय पर पहचान कर उपयुक्त उपचार प्रदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्यत: बाल विकास के चार विकार तथा जन्मजात दोष, बालरोग, डिफिसियेंसी, एडलोसेंट स्वास्थ्य को समय पर पहचानना एवं समय पर उपचार उपलब्ध कराना है। जिला अस्पताल में ऐसे बच्चों का निश्शुल्क इलाज किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्याम नारायन दुबे ने बताया कि जन्मजात कटे होंठ के बच्चे का आपरेशन नियमानुसार चार माह पूर्ण करने के उपरांत एवं कटे तालू के बच्चे का आपरेशन बच्चे के 9 माह पूर्ण होने के उपरांत आपरेशन किया जाता है। इसका पूरा खर्च सरकार उठाती है। इस सर्जरी के लिए बच्चे में खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम से कम 10 ग्राम होना अनिवार्य है। साथ ही वजन उम्र के अनुपात में कम नहीं होना चाहिए। कटे होठ एवं कटे तालू के इलाज हेतु केंद्र सरकार द्वारा संचालित आरबीएसके कार्यक्रम स्माइल ट्रेन संस्था के माध्यम से पंजीकृत अस्पतालों में निश्शुल्क इलाज हेतु संबद्ध है। अभी तक जिले में आरबीएसके टीम द्वारा 52 से ज्यादा बच्चों का कटे होठ एवं कटे तालू का सरकार के खर्चे पर इलाज संदर्भित कर कराया जा चुका है। उन्होंने कहा किसी परिवार में ऐसे बच्चे हों तो उनके परिजन इस इलाज हेतु अपने गांव के आशा या आंगनबाड़ी कार्यकता के सहयोग से अथवा सीधे अपने संबंधित ब्लाक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरबीएसके टीम से संपर्क करें। मुख्यालय तक सरकारी एंबुलेस लाने वापस ले जाने, सभी प्रकार के संबधित जांच उपचार का निश्शुल्क लाभ प्राप्त कर सकते हैं।