जीरो-बी ओवरब्रिज के नक्शे के मुताबिक नापी गई जमीन
जागरण संवाददाता मऊ शहर के तीन लाख लोगों का बाल निकेतन रेलवे क्रासिग संख्या जीरो-बी पर ओवरब्रिज बनते देखने का सपना जल्द पूरा करने के लिए शासन ने कवायद शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, मऊ : शहर के तीन लाख लोगों का बाल निकेतन रेलवे क्रासिग संख्या जीरो-बी पर ओवरब्रिज बनते देखने का सपना जल्द से जल्द पूरा करने के लिए शासन और प्रशासन स्तर पर तैयारी तेजी से की जा रही है। ओबी निर्माण की जिम्मेदारी मिलने के बाद जहां उत्तर प्रदेश सेतु निगम की ओर से जमीनी तैयारियां युद्धस्तर पर की जा रही हैं, वहीं पुल निर्माण मार्ग में पड़ने वाली जमीन की एक-एक इंच की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने का काम राजस्व विभाग ने तेज कर दिया है। बुधवार को ओवरब्रिज के अंतिम नक्शे के मुताबिक हिदी भवन से लेकर सिधी कालोनी तक जरीब की मदद से राजस्व विभाग ने नगर पालिका कर्मियों के साथ मिलकर पैमाइश किया।
सेतु निगम एवं रेलवे के अभियंताओं के पुल की अंतिम डिजाइन यानि रूपरेखा तैयार कर लेने के बाद ढेकुलियाघाट से हिदी भवन तक लगाए जाने वाले पिलरों की स्थिति स्पष्ट हो गई है। सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर आरएस राय ने पिलरों के सीमांकन के बाबत राजस्व विभाग को सूचित कर भूमि की पैमाइश कर रिपोर्ट मांगी थी। सदर तहसील के राजस्व कर्मियों को अब यह तय करना है कि पुल निर्माण के पिलर जहां-जहां लग रहे हैं वह जमीन वास्तविक रूप से किसकी है। यदि कहीं पर जमीन किसी निजी व्यक्ति के स्वामित्व की हुई तो कार्यदायी संस्था उसे अधिग्रहित कर मुआवजा तय करेगी। अगर निजी व्यक्ति की न होकर सरकारी, नजूल, पीडब्ल्यूडी, नगर पालिका या रेलवे की हुई तो उसे संबंधित विभागों से नो-आब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर आरएस राय ने कहा कि इसी आधार पर ओवरब्रिज निर्माण के लिए अंतिम आगणन तैयार होगा, जिसकी स्वीकृति के लिए फाइल सेतु निगम के लखनऊ स्थित मुख्यालय भेजी जाएगी।