वर्षों से चल रहा है धर्म परिवर्तन का खेल
जनपद के रानीपुर क्षेत्र में प्रकाश में आया धर्म परिवर्तन का मामला इस जिले में नया नहीं है। घोसी चिरैयाकोट एवं मोहम्म्दाबाद में कई वर्ष पूर्व ही ऐसे प्रकरण प्रकाश में आ चुके हैं। जनपद के गरीब एवं विकास के मामले में पिछड़े क्षेत्रों में कई मिशनिरी अरसे से ऐसा प्रयास कर रही हैं। यह अलग बात है कि हाल के वर्षों में ऐसे प्रयास अब शहरी क्षेत्रों के निकट भी होने लगे हैं। यह मामले बेहद आसानी से प्रकाश में आ जाते हैं।
अरविद राय, घोसी (मऊ) :
जनपद के रानीपुर क्षेत्र में प्रकाश में आया धर्म परिवर्तन का मामला इस जिले में नया नहीं है। घोसी, चिरैयाकोट, मधुबन एवं मुहम्मदाबाद में कई वर्ष पूर्व ही ऐसे प्रकरण प्रकाश में आ चुके हैं। जबकि इनके अलावा भी बहुत सारी जगहें हैं जहां प्रार्थना, धर्मसभा और चंगाई के नाम पर अंधविश्वास का जाल फैलाकर ईसाई मिशनरियों मतांतरण के कुचक्र में लगी हुई हैं। जनपद के गरीब एवं विकास के मामले में पिछड़े क्षेत्रों में कई मिशनरियां अरसे से इस तरह के कुत्सित कार्यक्रम में लिप्त हैं। यह अलग बात है कि हाल के वर्षों में ऐसे प्रयास अब शहरी क्षेत्रों के निकट भी होने लगे हैं। यह मामले बेहद आसानी से प्रकाश में आ जाते हैं।
स्थानीय कोतवाली के मझवारा क्षेत्र के बेला सुल्तानपुर में नहर के किनारे स्थित एकमात्र मकान की मंड़ई में 28 दिसंबर 2015 को धर्म परिवर्तन का मामला उजागर हो चुका है। उस दिन यहां एक बड़े कार्यक्रम एवं भोज का आयोजन किया गया था। धर्म परिवर्तन कराए जाने के इस प्रयास की भनक लगते ही हिदू युवा वाहिनी के संयोजक अजय सिंह सहित तमाम पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। सूचना पर तत्कालीन कोतवाल विश्वजीत सिंह मय फोर्स गए तो आयोजन की पूर्व अनुमति न लिए जाने के चलते पुलिस ने कार्यक्रम समाप्त करा दिया। यहां पर फादर दिनेश ने एक दिन पूर्व ही रविवार को प्रार्थना एवं लोगों को लाभ मिलने पर स्वेच्छा से इसाई धर्म स्वीकार किए जाने का तथ्य स्वीकार किया। इस अकेले स्थान पर विभिन्न गांवों के 406 लोगों के धर्म परिवर्तन किए जाने की बात सामने आई। यहां से वापस जिला मुख्यालय जा रहे हियुवा संयोजक अजय सिंह के काफिले को राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाजीपुर में ईसाई मतावलंबियों के चल रहे समारोह में शामिल लोगों ने रोक लिया। मारपीट में हियुवा जिला उपाध्यक्ष बबलू यादव एवं संयोजक श्री सिंह सहित अन्य घायल हो गए। इसकी सूचना फैलते ही हियुवा सहित अन्य संगठनों के लोग मौके पर जा पहुंचे। स्थित उग्र होने के पूर्व ही एसडीएम एवं सीओ कई थानों की फोर्स लेकर पहुंचे। हियुवा जिला संयोजक श्री सिंह ने इस बाबत मुकदमा भी दर्ज कराया पर बात आई गई हो गई। हालांकि बाद में हाजीपुर में धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने विश्व हिदू परिषद द्वारा आयोजित गृह वापसी कार्यक्रम में मूल धर्म को स्वीकार किया। इसके बावजूद जिले के विभिन्न स्थानों पर चोरी छिपे ऐसे प्रयास चल रहे हैं। धर्म परिवर्तन का ऐसा ही मामला वर्ष 2018 में नवंबर के द्वितीय माह में चिरैयकोट एवं मुहम्मदाबाद में भी प्रकाश में आ चुका है। प्रदेश के अन्य स्थानों पर धर्म परिवर्तन के मामले उजागर होने पर हिदू संगठनों के सक्रिय होते ही ऐसे प्रकरण एक बाद फिर सामने आने लगे हैं। अब देखना यह कि धर्म परिवर्तित कर चुके परिवारों की कब मूल धर्म में वापसी होती है और ऐसे कृत्यों पर कब प्रभावी अंकुश लगता है।