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इग्नू के पाठ्यक्रम खोल रहे रोजगार के द्वार

विश्वविद्यालय स्तर के सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा इग्नू से संचालित कुछ विशेष व डिप्लोमा पाठ्यक्रम कर लिए जाएं तो बेरोजगार घूमने का कोई सवाल ही नहीं है। ग्राम विकास शैक्षिक प्रौद्योगिकी बाल्यावस्था देखभाल पत्रकारिता एवं जनसंचार आदि में कुछ ऐसे डिप्लोमा पाठ्यक्रम हैं जिन्हें पढ़ने वा

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 04:59 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 04:59 PM (IST)
इग्नू के पाठ्यक्रम खोल रहे रोजगार के द्वार
इग्नू के पाठ्यक्रम खोल रहे रोजगार के द्वार

जागरण संवाददाता, मऊ : विश्वविद्यालय स्तर के सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा इग्नू से संचालित कुछ विशेष व डिप्लोमा पाठ्यक्रम कर लिए जाएं तो बेरोजगार घूमने का कोई सवाल ही नहीं है। ग्राम विकास, शैक्षिक प्रौद्योगिकी, बाल्यावस्था देखभाल, पत्रकारिता एवं जनसंचार आदि में कुछ ऐसे डिप्लोमा पाठ्यक्रम हैं, जिन्हें पढ़ने वालों की मांग देश में ही नहीं विदेशों में भी है। यह बातें डीसीएसके पीजी कालेज में स्थापित इग्नू के अध्ययन केंद्र के समन्वयक डा.सीपी राय ने कहीं।

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डा.सीपी राय ने बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों से कई डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। डीसीएसके पीजी कालेज में बने अध्ययन केंद्र पर ऐसे कई कोर्स को करने की सुविधा मौजूद है जिन्हें करने के बाद रोजगार के लिए महानगरों या गांवों में भटकना नहीं पड़ेगा। इग्नू सिर्फ अध्ययन का ही अवसर नहीं देता, बल्कि रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराता है। डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक वर्ष एवं प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम छह महीने के होते हैं।अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों का प्रवेश आफ लाईन होता है, जिसका फार्म अध्ययन केन्द्र पर फिलहाल उपलब्ध है। इग्नू से अध्ययन के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है।

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