बैंकों की लेटलतीफी से शौचालय के लाभार्थी परेशान
स्थानीय तहसील क्षेत्र में बैंकों की लेटलतीफी का शिकार शौचालय के लाभार्थियों व प्रधान तथा ग्राम पंचायत अधिकारी को होना पड़ रहा है। एक तरफ प्रशासन शौचालय निर्माण के लिए दबाव बना रहा है तो वहीं बैंक लाभार्थियों के खाते में पैसा भेजने में एक-एक सप्ताह लगा दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय तहसील क्षेत्र में बैंकों की लेटलतीफी का शिकार शौचालय के लाभार्थियों व प्रधान तथा ग्राम पंचायत अधिकारी को होना पड़ रहा है। एक तरफ प्रशासन शौचालय निर्माण के लिए दबाव बना रहा है तो वहीं बैंक लाभार्थियों के खाते में पैसा भेजने में एक-एक सप्ताह लगा दे रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों को दो अक्टूबर के पहले ओडीएफ करने के लिए प्रशासन दिन-रात समीक्षा कर रहा है। प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी से लेकर खंड विकास अधिकारी तक लाभार्थियों का चक्कर लगा रहे हैं। इसी में बैंको की लापरवाही जी का जंजाल बनती जा रही है। क्षेत्र के कुंडाशरीफपुर के दर्जनों शौचालय के लाभार्थियों के खाते में शौचालय निर्माण के लिए प्रधान ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा लगभग एक सप्ताह पूर्व चेक व एडवाइज सिपाह इब्राहिमाबाद स्थित बैंक को दे दिया गया है। इसके बावजूद बैंक द्वारा सोमवार तक लाभार्थियों के खाते में धन प्रेषित नहीं किया गया था। इधर प्रशासनिक दबाव से परेशान लाभार्थी जल्दी से जल्दी शौचालय का निर्माण कराने के लिए पैसे की चाहत में बैंकों का चक्कर लगाकर वापस लौट जा रहे हैं।