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70 हजार किसानों के खाते में नहीं पहुंची राशि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करने की तरफ निरंतर अग्रसर हैं। जहां किसानों के लिए उन्नतिशील बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं तो किसान सम्मान निधि के जरिए आर्थिक सहयोग भी। इधर प्रकृति की मार से बेजार किसानों के लिए केंद्र सरकार की लागू किसान सम्मान निधि व्यवस्थाओं के मकड़जाल में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 07:21 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:26 AM (IST)
70 हजार किसानों के खाते में नहीं पहुंची राशि
70 हजार किसानों के खाते में नहीं पहुंची राशि

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करने की तरफ निरंतर अग्रसर हैं। जहां किसानों के लिए उन्नतिशील बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं तो किसान सम्मान निधि के जरिए आर्थिक सहयोग भी। इधर प्रकृति की मार से बेजार किसानों के लिए केंद्र सरकार की लागू किसान सम्मान निधि व्यवस्थाओं के मकड़जाल में जकड़ी है। वर्तमान में किसानों को सबसे ज्यादा आर्थिक मदद की आवश्यकता है। ऐसे में लेखपालों से थोड़ी सी हुई चूक के चलते जहां 25 हजार किसानों के प्रमाण पत्र गलत हो गए तो अभी 70 हजार किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये की सम्मान राशि नहीं जा पाई। केंद्र सरकार द्वारा लौटाए जाने के बाद एक बार फिर लेखपालों द्वारा सत्यापन कराकर तहसीलों में फीडिग कराई जा रही है।

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खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की रोपाई कैसे हो इसके लिए किसान परेशान है। जून माह पूरा बिन पानी ही बीत गया। जुलाई के प्रथम सप्ताह में जमकर बारिश हुई कि कई बीघे खेत जलमग्न हो गए। इसके बाद बारिश का दौर थम सा गया। अगस्त माह में छिटपुट बारिश हुई। किसान ट्यूबवेल के सहारे किसी तरह धान को बचाने की जद्दोजहद में लगा था। धान की फसल के लिए किसान पैसे-पैसे को मोहताज हैं। कभी महंगे दामों पर पानी खरीदना तो कभी जिक व खर-पतवार नियंत्रण करना। ऐसे में प्रकृति के वर्तमान रूप से जूझ रहे किसानों के लिए मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि एक सहारा बनकर आई थी। इसमें अभी तक जहां लगभग एक लाख किसानों को दो-दो हार की दो किश्तें मिल गई हैं तो किसानों की एक बड़ी तादाद अभी भी इंतजार में है। वहीं हजारों ऐसे भी किसान है कि जिनके खाते में निधि तो भेजी गई परंतु कहीं खाता नंबर गलत तो कहीं नाम के चलते सम्मान निधि लौट गई। अब केंद्र सरकार ने एक बार फिर ऐसे खातों को जिलों को लौटा दिया है। ऐसे खातों की तहसीलवार सूची संबंधित को भेज दी गई है। संबंधित गांवों के लेखपालों द्वारा सत्यापन किया जा रहा है। ऐसे किसानों से पूर्ण अभिलेख लेकर फीडिग की जा रही है। प्वाइंटर--

2,62,152 जनपद में कुल किसानों की संख्या

2,22,691 किसानों की हुई है फीडिग

1,53,438 किसानों के खाते में गई पहली किश्त

98 हजार के खाते में गई दूसरी किश्त

24 हजार किसानों के खाते से वापस हुई निधि

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'मिसमैच के चलते किसानों के खाते में निधि का पैसा नहीं जा पाया है। ऐसे किसानों की सूची मिल गई है, संबंधित तहसीलों को सूची भेज दी गई है। लेखपाल सत्यापन कर तहसीलों पर फीडिग करा रहे हैं।'

-एसपी श्रीवास्तव, उप निदेशक कृषि।


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