ताजियों को अंतिम रूप देने में जुटे कारीगर
दरगाह में मंगलवार को ताजियों के बनाने का काम युद्ध स्तर पर होता नजर आया। समय कम और काम ज्यादा की तर्ज पर स्थानीय लियाकत अली, नुरुल हसन अंसारी, शबी अहमद, सोनू खान, नन्हें अंसारी, नसीर अहमद, फैयाज, सराहीम खान आदि लोग तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे रहे।क
जासं, मधुबन (मऊ) : मुहर्रम 21 तारीख को है। दसवीं मुहर्रम को ताजियों का जुलूस कर्बला पहुंचता है और सभी ताजिये वहां दफन कर दिए जाते हैं। स्थानीय तहसील के मुस्लिम बाहुल्य गावों बीबीपुर, दरगाह, सिपाह, दुबारी, पूरा बंधुमल आदि जगहों पर मुहर्रम का पर्व बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है, इसकी तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं। दरगाह में मंगलवार को ताजियों के बनाने का काम युद्ध स्तर पर होता नजर आया। समय कम और काम ज्यादा की तर्ज पर स्थानीय लियाकत अली, नुरुल हसन अंसारी, शबी अहमद, सोनू खान, नन्हें अंसारी, नसीर अहमद, फैयाज, सराहीम खान आदि लोग तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे रहे। ताजियों को बनाने का काम चलता रहा। दूसरी तरफ मुहर्रम के चांद के नजर आने के साथ ही रोज शाम ताशे के जलूस के निकलने का सिलसिला लगातार चल रहा है।