ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा टूटी, भारतीय संघर्ष समाज पार्टी का उदय
लोकसभा चुनाव नजदीक देख राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। भाजपा की सरकार में शामिल एक राजनीतिक दल दो फाड़ हो चुका है। इसी के साथ भारतीय संघर्ष समाज पार्टी का उदय हो गया है।
मऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव नजदीक देख राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। भाजपा की सरकार में शामिल एक राजनीतिक दल दो फाड़ हो चुका है। मऊ जिले की धरती एक बार फिर नए दल के उदय का गवाह बन रही है। इस बार सुहेलदव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक कार्यकर्ता अपनी मूल पार्टी से टूट गए। इस धड़े ने न सिर्फ भारतीय संघर्ष समाज पार्टी का गठन किया बल्कि रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन भी किया।
मदन राजभर नए दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष
मऊ के नेहरू इंटरमीडिएट कालेज परिसर में सुबह से ही ग्रामीण अंचलों से लोग पहुंचने लगे थे। इस दौरान बिरहा गायक सुभासपा की नीतियों को कोसते हुए भीड़ को बांधे थे। नए दल संस्थापक मदन राजभर हैं जिन्हें सुभासपा का गठन करते समय ओमप्रकाश राजभर ने प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित किया था। मदन राजभर ने खुद को नए दल का अध्यक्ष घोषित किया है। मदन राजभर कहा कि भारतीय समाज पार्टी के गठन के समय से ही मैं उसका सक्रिय कार्यकर्ता था। लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने समाज को और गरीबों को भूल गए। वह जिस मिशन को लेकर चले थे, उसे छोड़ चुके हैं। उन्होंने अब तक राजभर समाज को मात्र अपना वोटबैंक समझा। लेकिन समाज की भलाई के लिए कुछ नहीं किया।
पूर्वांचल राज्य का गठन होगा मुख्य मुद्दा
स्थानीय बाजार में नए दल के गठन को लेकर खासी सरगर्मी देखी गई। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर मंगलवार को रतनपुरा बाजार में दो बार आए और गए। यह लोगों में चर्चा का विषय रहा। नवगठित भारतीय संघर्ष समाज पार्टी ने अपना झंडा आधा लाल और आधा पीले रंग का बनाया है। नवगठित पार्टी ने भी अपना मुद्दा पूर्वांचल राज्य का गठन ही रखा है।