छात्रों ने जाना कौन थे स्वर्ग के रचनाकार
शासन के निर्देश पर जिले के प्राथमिक विद्यालयों में ज्ञान-विज्ञान के उत्सव के रूप में भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान विविध आयोजनों के माध्यम से शिक्षकों ने जहां छात्र-छात्राओं को भगवान विश्वकर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित कराया
जागरण संवाददाता, मऊ : शासन के निर्देश पर जिले के प्राथमिक विद्यालयों में ज्ञान-विज्ञान के उत्सव के रूप में भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान विविध आयोजनों के माध्यम से शिक्षकों ने जहां छात्र-छात्राओं को भगवान विश्वकर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित कराया, वहीं उनके अस्तित्व की कथा से आधुनिक वास्तुकला और शिल्प विज्ञान पर भी प्रकाश डाला। स्वर्ग और द्वारिका के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर छात्रों ने अंताक्षरी प्रतियोगिता में गीतों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का परचम लहराया।
उच्च प्राथमिक विद्यालय भदसा मानोपुर में प्रधानाध्यापक अर¨वद कुमार के नेतृत्व में भगवान विश्वकर्मा के महत्व से छात्रों को रूबरू कराया गया। विश्वकर्मा के पांच स्वरूपों के बारे में छात्रों को बताते हुए शिक्षिका आभा त्रिपाठी ने वास्तुकला और शिल्प विज्ञान के महत्व से छात्रों को परिचित कराया। वहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालय मुहम्मदाबाद गोहना प्रथम में प्रधानाध्यापिका रीता त्रिपाठी ने छात्रों को भगवान विश्वकर्मा के बारे में बताया। कहा कि भगवान विश्वकर्मा ने सतयुग में स्वर्ग, त्रेतायुग में लंका, द्वापर युग में द्वारिका और कलयुग में हस्तिनापुर नगर निर्माण किया था। भगवान विश्वकर्मा महान शिल्पाचार्य और विज्ञान के जन्मदाता थे। प्राथमिक विद्यालय सौसरवां में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रधानाध्यापक रामनिवास मौर्य के नेतृत्व में विविध आयोजन किए गए।