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हड़ताल से कामकाज ठप, गूंजे सरकार विरोधी नारे

वामपंथी श्रमिक संगठनों के आह्वान पर विपक्षी दलों द्वारा समर्थित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का व्यापक प्रभाव जिले में देखा गया। असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:00 PM (IST)
हड़ताल से कामकाज ठप, गूंजे सरकार विरोधी नारे
हड़ताल से कामकाज ठप, गूंजे सरकार विरोधी नारे

जागरण संवाददाता, मऊ : वामपंथी श्रमिक संगठनों के आह्वान पर विपक्षी दलों द्वारा समर्थित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का व्यापक प्रभाव जिले में देखा गया। असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर रहे। इसके चलते लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। बैंक, बीमा, आंगनबाड़ी, दूरसंचार, बिजली, दवा प्रतिनिधि संगठनों के कर्मचारी, पुरानी पेंशन के समर्थन, निजीकरण तथा बैंकों के एकीकरण के विरोध के साथ ही अन्य अनेक मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। इस हड़ताल में लगभग सभी विभागों के कर्मचारी शामिल रहे। इसके चलते कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। बैंकों में ताले नहीं खुले। कर्मचारियों ने शहर में जुलूस निकाला और केंद्र तथा राज्य सरकार के विरोध में नारे लगाए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बंद रहने लगभग 90 करोड़ की क्लियरिग ठप रही।

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कलेक्ट्रेट परिसर में आंदोलनकारियों ने की जनसभा

हड़ताली कर्मचारी जत्थों में कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और वहां जमकर नारेबाजी करने के बाद सभा की। वक्ताओं ने मोदी सरकार पर फांसीवादी, तानाशाह व संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए वैश्वीकरण, उदारीकरण, निजीकरण नीतियों की आलोचना की। कहा कि भाजपा सरकार लगातार कारपोरेटपरस्त नीतियों को देश में लागू कर रही है। इससे देश की आम जनता तबाह और बर्बाद हो रही है। योगी सरकार में कानून व्यवस्था की हालत जर्जर हो चुकी है। दलितों अल्पसंख्यकों, महिलाओं और उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है। महंगाई बेरोजगारी कृषि संकट से ध्यान हटाने के लिए यह सरकार धार्मिक उन्माद की और नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। पूर्व विधायक भाकपा नेता इम्तेयाज अहमद ने कहा कि मोदी सरकार ने छात्रों -युवाओं की बुनियादी मांग रोजगार और सबको सस्ती शिक्षा देने की मांग को लेकर जेएनयू के आंदोलनरत छात्र-छात्राओं पर नकाबपोश भगवा धारियों द्वारा हमला करा कर अपना फासीवादी चेहरा उजागर कर दिया है। भाजपा सरकार आरएसएस अपने हिदुत्व का एजेंडा लागू करने के लिए संविधान विरोधी सीएए, एनआरसी, एनपीआर जैसे सांप्रदायिक विभाजनकारी कानून लाई है। इसके खिलाफ तमाम जनतांत्रिक ताकतों को एकजुट होकर संघर्ष को तेज करना होगा। इस मौके पर प्रमुख रूप से भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) एसयूसीआई(सी), इंकलाबी मजदूर केंद्र, उत्तर प्रदेश किसान सभा, किसान संग्राम समिति, उत्तर प्रदेश किसान फेडरेशन, बुनकर वाहिनी आदि संगठनों ने भाग लिया।

बैंक शाखाओं पर भी प्रदर्शन

इसके पूर्व बैंक कर्मचारी नेता बालाजी मोदी, विक्रम राय, नरेंद्र सिंह नेतृत्व में सैकड़ों बैंक कर्मियों ने बैंक शाखाओं पर प्रदर्शन किया । साथ ही कारपोरेट द्वारा हड़पे गए लाखों करोड़ के भारी कर्जो की वसूली तथा देना बैंक, विजया बैंक तथा बैंक आफ बड़ौदा के विलयनामे के सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की। यूनाइटेड फोरम ऑफ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक यूनियंस के बैनर तले ग्रामीण बैंक शाखाओं में हड़ताल रही। बैंक कर्मियों, अधिकारियों ने धरना देकर सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी करार दिया। विद्युत कर्मचारियों ने एटक नेता सूर्यदेव पांडेय के नेतृत्व में सहादतपुरा स्थित कार्यालय से जुलूस निकाला और प्रदर्शन में शामिल हुए।


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