दलहनी, तिलहनी फसल पर आसमानी खतरा
मऊ : कई दिनों से मौसम में बदलाव चल रहा है। गुरुवार को भी हल्की बूंदे गिरी। शुक्रवार को भी एकबारगी तो दिन में ही अंधेरा होने का एहसास होने लगा।
जागरण संवाददाता, मऊ : कई दिनों से मौसम में बदलाव चल रहा है। गुरुवार को भी हल्की बूंदे गिरी। शुक्रवार को भी एकबारगी तो दिन में ही अंधेरा होने का एहसास होने लगा। सड़कों पर वाहन लाइट जलाकर चलने लगे। सुबह करीब सवा 11 बजे अचानक तेज हवाओं के बीच बूंदे गिरने लगी। लगभग एक घंटे तक हल्की बारिश होती रही। सड़कों पर यातायात ठप सा हो गया। हवा के बहाव से ठंड में इजाफा हो गया। एक पखवारे के अंदर तीसरी बार हुए मौसम में बदलाव से किसानों की ¨चता बढ़ गई है। हालांकि अभी तक फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है परंतु तेज हवाओं के बीच अगर बारिश हुई तो गेहूं को भी नुकसान हो सकता है।
अभी तक दो बार हो चुकी हल्की बारिश से गेहूं की फसल को संजीवनी मिली है। इस वर्ष कम ठंड पड़ने के बावजूद खेतों में गेहूं, दलहनी, तिलहनी फसल लहलहा रही है। आलू की फसल लगभग पक चुकी है। इस दौरान अगर तेज बारिश हुई तो आलू की फसल को भी नुकसान हो सकता है। चना की फसल पर बारिश का कुप्रभाव यह पड़ेगा कि बारिश से चना के फूल झड़ जाएंगे तथा कीटों का प्रकोप तेजी से बढ़ेगा। यही हाल अरहर का भी होगा। बारिश का सबसे ज्यादा फायदा गेहूं की फसल को होगा। भले ही शीतऋतु में कम ठंड पड़ी हो परंतु कम अंतराल पर हो रही बारिश से ठंड में इजाफा हो रहा है। इसका सबसे ज्यादे फायदा गेहूं को ही होगा। साथ ही खेत में नमी कई दिनों तक बनी रहेगी। इस फसल को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब अधिकतर गेहूं की फसल में बालियां निकल रही है। ऐसे में बारिश की बूंदे सीधे गेहूं पर गिरेगी। इससे जल्दी बालियां बाहर निकल जाएंगी।