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केयर यूनिट बनी समय से पूर्व जन्मे बच्चों के लिए वरदान

- जिला महिला अस्पताल में लगाए गए है दस बेड - आशा कार्यकत्री घर-घर जाकर दे रही जानकारी

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 05:58 PM (IST)
केयर यूनिट बनी समय से पूर्व जन्मे बच्चों के लिए वरदान
केयर यूनिट बनी समय से पूर्व जन्मे बच्चों के लिए वरदान

- जिला महिला अस्पताल में लगाए गए है दस बेड

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- आशा कार्यकत्री घर-घर जाकर दे रही जानकारी

जागरण संवाददाता, मऊ : समय से पहले जन्मे शिशुओं को उचित स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। नवजात में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की समय पर पहचान कर उन्हें सुरक्षित किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य इकाइयों और समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिसमें सिक न्यू बार्न केयर यूनिट की भूमिका बेहद अहम है। जिला महिला अस्पताल में इसके लिए दस बेड लगाए गए है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत आशा घर-घर जाकर परिवार के लोगों को नवजात में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की जानकारी दे रही हैं। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर नवजातों में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की पहचान कर उन्हें बचाया जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर नवजात को रेफर भी किया जाता है। जिला महिला चिकित्सालय का सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) उच्च स्तरीय सुविधा से लैस है और पूरी तरह से निश्शुल्क है। बताया कि एसएनसीयू से डिस्चार्ज होने के बाद भी कम वजन वाले बच्चों में मृत्यु का अधिक खतरा रहता है। स्वस्थ नवजात की तुलना में जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों में कुपोषण के साथ मानसिक एवं शारीरिक विकास की दर प्रारंभ से उचित देखभाल के आभाव में कम हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए नवजात के डिस्चार्ज होने के बाद भी उनका नियमित फालो-अप किया जाता है। इसके लिए आशा कार्यकर्ता शिशुओं को तीन माह से एक वर्ष तक त्रैमासिक गृह भ्रमण कर उनकी देखभाल करती हैं। नवजात में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की सही समय पर जानकारी होना जरुरी है। नवजात की जटिलताओं को पहचानकर तुरंत अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम से संपर्क करें या फिर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में नवजात को ले जाकर उचित परामर्श प्राप्त करें।

जिला महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डा प्रवीण सिंह ने बताया कि जन्म के समय 1800 ग्राम या उससे कम वजन के नवजात एवं 34 सप्ताह से पूर्व जन्म लिए नवजातों को बेहतर देखभाल प्रदान करने के उद्देश्य से जिला महिला चिकित्सालय में एसएनसीयू-विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई की स्थापना की गई है।


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