शिव विवाह का वर्णन सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु
कलयुग में श्रीराम कथा का श्रवण सबसे बड़ा धर्म है। पृथ्वी पर जब धर्म की हानि होती है, तब भगवान प्रकट होते हैं। भगवान राम, कृष्ण की तरह अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हुए पापियों का नाश करते हैं। शुक्रवार को मानस मर्मज्ञ अयोध्या से पधारे कथावाचक अवधेश जी महाराज ने राम-जानकी मंदिर मेला मैदान मे मां सरस्वती सेवा ट्रस्ट के तरफ से आयोजित श्री रामकथा के चौथे दिन शुक्रवार को शिव विवाह का वर्णन किया। श्रद्धालुओं को बताया कि भगवान शिव की बारात अछ्वुत रही।
जागरण संवाददाता, अदरी (मऊ) : कलयुग में श्रीराम कथा का श्रवण सबसे बड़ा धर्म है। पृथ्वी पर जब धर्म की हानि होती है, तब भगवान प्रकट होते हैं। भगवान राम, कृष्ण की तरह अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हुए पापियों का नाश करते हैं।
मानस मर्मज्ञ अयोध्या से पधारे कथावाचक अवधेश जी महाराज ने शुक्रवार को राम-जानकी मंदिर मेला मैदान मे मां सरस्वती सेवा ट्रस्ट के तरफ से आयोजित श्री रामकथा के चौथे दिन शिव विवाह का वर्णन किया। भगवान शिव की बारात जब हिमांचल पहुंची तो माता पार्वती के माता-पिता और वहां मौजूद प्रजा बारात में सम्मिलित भूत, प्रेत, औघड़ को देखकर चकित रह गए। भगवान शिव की बारात में भगवान विष्णु और ब्रम्हा देव सहित देवता भी सम्मिलित रहे। कथा के समापन पर सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर अभिषेक ¨सह विक्की, अंकुर ¨सह, रामप्रताप यादव, विजय बहादुर ¨सह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामानंद यादव, प्रवीण वर्मा, उमाकांत पांडेय, संजय तिवारी, उदयभान ¨सह, बबलू शाही, सुनील ¨सह, पप्पू ¨सह, र¨वद्रनाथ विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।