डेढ़ सौ महाविद्यालयों में बीए-बीएससी की अधिकांश सीटें खाली
डेढ़ सौ महाविद्यालयों में बीए-बीएससी की अधिकांश सीटें खाली
डेढ़ सौ महाविद्यालयों में बीए-बीएससी की अधिकांश सीटें खाली
जागरण संवाददाता, मऊ : उच्च शिक्षा के नाम पर महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ से संबद्ध जिले में 150 से अधिक निजी, अनुदानित व राजकीय महाविद्यालय हैं। एक-दो महाविद्यालयों को छोड़कर लगभग सभी में बीए-बीएससी की सीटें 40 प्रतिशत से अधिक खाली हैं। छात्र रोजगार से जोड़ने वाले पाठ्यक्रमों में दिलचस्पी ले रहे हैं। लड़कियां नर्सिंग व पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में तो लड़के आइटीआइ व पालीटेक्निक पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दे रहे हैं। आलम यह है कि टाप महाविद्यालयों में भी प्रवेश के लिए आवेदन पत्रों की संख्या का आंकड़ा काफी नीचे है। डीसीएसके पीजी कालेज के अर्थशास्त्री एवं प्रो. डा. सीपी राय ने बताया कि उच्च शिक्षा के बावजूद जिले में बेरोजगारी चरम पर है। बेरोजगारों का सबसे ज्यादा पलायन खाड़ी देशों में हो रहा है। पैरामेडिकल कोर्स हो या आइटीआइ करने के बाद छात्रों को आसानी से देश के महानगरों के अलावा अन्य देशों में भी काम मिल जा रहा है। छात्रों का रूझान बढ़ा है।
कई डिग्री कालेजों में दहाई में भी नहीं बिके फार्म
जिले के 25 से अधिक निजी महाविद्यालयों की हालत यह है कि सत्र 2022-23 में प्रवेश लेने के लिए 10 छात्रों ने भी आवेदन पत्र नहीं लिया है। डीसीएसके पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. डा. एके मिश्रा ने बताया कि उच्च शिक्षा के सामान्य पाठ्यक्रमों से छात्रों का मोहभंग होते देख कालेज संचालक हैरान हैं। कितने ही प्रबंधकों ने बीए-बीएससी से हटकर नर्सिंग, फार्मेसी या आइटीआइ की मान्यता के लिए भाग-दौड़ करना शुरू कर दिया है।