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रेलवे पार्सल घर से चल रहा था लाखों का खेल

पार्सल लिपिक और व्यापारियों की साठगांठ से वास्तविक से कम दिखाया जाता था माल - मऊ जंकशन से मुंबई भेजा जा रहा था सामान - रेलमंत्री की पहल पर हुई जांच में खुला मामला

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 06:16 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 09:19 PM (IST)
रेलवे पार्सल घर से चल रहा था लाखों का खेल
रेलवे पार्सल घर से चल रहा था लाखों का खेल

जागरण संवाददाता, मऊ : मऊ जंक्शन के पार्सल घर से व्यापारियों और रेल कर्मियों की मिलीभगत से रेलवे के राजस्व को चूना लगाने का बड़ा खेल लंबे समय से खेला जा रहा था। पार्सल की बु¨कग में लगे कर्मचारी रेलवे के राजस्व को चूना लगाकर प्रतिमाह लाखों रुपये का गबन कर रहे थे। इसकी भनक लगने पर गाजीपुर भाजयुमो के एक नेता ने रेलमंत्री को ट्वीट कर इस खेल की शिकायत कर दी। सटीक शिकायत पर जब इसकी जांच हुई तो मामला मुंबई में पकड़ा गया। हालांकि रेलवे के अधिकारी अभी इस मामले पर कुछ भी आधिकारिक रूप से कहने से बच रहे हैं।

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देश के प्रमुख बाजारों में से मऊनाथ भंजन साड़ी का बड़ा बाजार है। प्रतिमाह मऊ से सैकड़ों ट्रक साड़ियां महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों को भेजी जाती है। बाजार में तैयार माल का कुछ हिस्सा सड़क मार्ग से तो कुछ रेलवे की मदद से भेजा जाता है। सूत्रों के मुताबिक मऊ जंक्शन के पार्सल घर पर कुछ कर्मचारियों का काकस व्यापारियों से मिलकर उनके माल के वास्तविक वजन से कम वजन दिखाता था। इससे जहां व्यापारियों को बचत हो जाती थी, वहीं रेलवे कर्मचारियों की भी जेबें गरम होती थीं। सूत्रों के मुताबिक इसी खेल के तहत 11 जनवरी को काशी दादर एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 15018 में 400 बंडल माल मऊ से मुंबई के लिए बुक हुआ। वहीं, इसी दिन 11082 गोरखपुर कुर्ला स्पेशल ट्रेन में मऊ से मुंबई के लिए माल बुक किया गया। घटतौली के इस खेल की जानकारी होने पर गाजीपुर भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष प्रमोद वर्मा ने इसकी शिकायत रेल मंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट करके दिया। उधर से यही शिकायत रेल मंत्रालय से डीआरएम मुंबई सीआर व डीआरएम वाराणसी को दे दी गई। सूत्रों के मुताबिक जब मुंबई विजीलेंस की टीम ने 12 जनवरी की रात मुंबई में माल की तौल कराया तो माल वास्तविक भार से लगभग आठ टन कम पाया गया। पूरे मामले से पर्दा उठाने के लिए मुंबई से एक तीन सदस्यीय टीम मऊ पहुंचने वाली है। इनसेट :

ऐसे होता था खेल

रेलवे से बुक होने वाले किसी भी माल को उसके आयतन और भार के आधार पर बुक किया जाता है। आयतन या भार के अनुरूप ही भाड़ा चार्ज किया जाता है। माना 100 किलोग्राम का एक पैकेट बुक कराना चाहते हैं तो रेलवे बु¨कग कर्मियों की मिली भगत से माल का वास्तविक भार 70 या 80 किलो दिखा दिया जाता था तथा 20 किलोग्राम माल कम दिखाने के एवज में कर्मचारी व्यापारी से अच्छी खासी रकम वसूल कर रेलवे के राजस्व को चपत लगाते थे। अच्छी-खासी बचत के चलते व्यापारी भी इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे थे। वर्जन ..

फिलहाल यह प्रकरण संज्ञान में नहीं है, लेकिन ऐसा है तो जांच होगी और संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

- अशोक कुमार, पीआरओ, डीआरएम वाराणसी ।


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