उखड़े बोल्डरों वाली सड़क पर चलना दुखदाई
कहीं सड़क का अभाव तो कहीं बनी सड़कों की दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कहीं-कहीं सड़क टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई है।
जागरण संवाददाता, नौसेमरघाट (मऊ) : कहीं सड़क का अभाव तो कहीं बनी सड़कों की दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कहीं-कहीं सड़क टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई है। बीच सड़क पर बोल्डर पड़े हैं। पुराघाट पुल से कोटवा कोपड़ा तक जाने वाली ग्रामीण सड़क कई स्थानों पर टूटकर खंड-खंड हो गई है। जहनियापुर, पारा, पूरा मारुफ, पुराघाट, नवापुरा होते हुए पुराघाट बाजार होकर सड़क कुर्थीजाफरपुर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय होते हुए कोटवा कोपड़ा तक पूरी तरह से टूट गई है। पिच से निकले पत्थर के बोल्डरों के चलते हैं आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
पुराघाट पुल से कासिमपुर-बैजापुर होते हुए बरलाई तक मार्ग जिला मुख्यालय तक जोड़ता है। पुराघाट पुल पारा गांव तक बनाई गई तमसा नदी के तटबंध पर बनाई गई ग्रामीण सड़क लगातार खराब होती जा रही है। सड़क के किनारे लगभग दर्जनों गांव हैं। पुराघाट बाजार में ग्रामीणों एवं स्कूली बच्चों को प्रतिदिन इसी सड़क से होकर जिला मुख्यालय या पुराघाट बाजार तक आना-जाना होता है। गड्ढों की वजह से अक्सर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। वहीं स्कूली बच्चे व साइकिल के चलने वाले लोग भी जरा सी असावधानी होने पर गड्ढों में गिरकर चोटिल होते हैं। बरसात के दिनों में तो खतरा और बढ़ जाता है। पारा गांव से लेकर नई बस्ती मुख्य बाजार तक सड़क जर्जर हो गई है। पुराघाट बाजार आने के लिए आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के लिए यही एक सड़क है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्रीय संतोष यादव, जितेंद्र मौर्य, संजय सिंह, शैलेंद्र मौर्य, विनय मद्धेशिया, राहुल भारती, सपा नेता प्रदीप कुमार यादव आदि का कहना है कि सड़क को बने अभी छह महीने ही हुए हैं कि सड़क कई स्थानों पर खंड-खंड हो गई है।