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पीयू प्रशासन के खिलाफ प्राध्यापकों में आक्रोश

वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं पूर्व में आयोजित वार्षिक परीक्षाओं का पारिश्रमिक न दिए जाने के कारण डीसीएसके पीजी कालेज के प्राध्यापकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में तीव्र आक्रोश है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 05:53 PM (IST)
पीयू प्रशासन के खिलाफ प्राध्यापकों में आक्रोश
पीयू प्रशासन के खिलाफ प्राध्यापकों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, मऊ : वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं पूर्व में आयोजित वार्षिक परीक्षाओं का पारिश्रमिक न दिए जाने के कारण डीसीएसके पीजी कालेज के प्राध्यापकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में तीव्र आक्रोश है। सोमवार को कालेज प्रांगण में बैठक कर प्राध्यापकों ने जहां लाखों रुपये के पारिश्रमिक के भुगतान में पीयू प्रशासन के रिश्वत की अपेक्षा करने का आरोप लगाया, वहीं मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को इलेक्ट्रानिक संचार माध्यमों से पत्र प्रेषित कर शीघ्र भुगतान किए जाने की मांग की। महाविद्यालय शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने एक सप्ताह के भीतर पारिश्रमिक का भुगतान ठीक-ठीक न होने पर कुलपति का घेराव करने से लेकर मुख्य परीक्षा के बहिष्कार तक का निर्णय लिया है।

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डीसीएसके महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष एसोसिएट प्रोफेसर डा.सीपी राय ने कहा कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों का बिल रिश्वत लेकर तुरंत पास कर दिया जाता है, जबकि ऐडेड डिग्री कालेजों के बिलों में कई-कई रिमाइंडर भेजने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के बिलों को घूस की अपेक्षा में पेंडिग रखा जाता है। जिले और गाजीपुर जनपद के एलएलबी और बीएड की परीक्षाओं का केंद्र बना कर महाविद्यालय के पठन-पाठन को बाधित किया जाता है और पारिश्रमिक के भुगतान में पिछले चार वर्षों से हीलाहवाली की जा रही है। कहा कि विश्वविद्यालय में या तो कुलपति और वित्त अधिकारी निकम्मे हैं या बाबुओं के भ्रष्टाचार में बराबर के भागीदार हैं और यह दोनों स्थितियां विश्वविद्यालय के लिए ठीक नहीं हैं। वर्ष 2016 एवं 2017 के पारिश्रमिक ब्लाक में अनाप-शनाप कटौती की गई है, जो न तो न्यायसंगत है और न ही तर्कसंगत। एसोसिएट प्रोफेसर डा.हरिलाल ने कहा कि यदि वर्ष 2020 की परीक्षा के पूर्व लंबित पारिश्रमिक की बिल का भुगतान नहीं किया गया तो विश्वविद्यालय प्रशासन को परिणाम भुगतना ही पड़ेगा। इस अवसर पर एसोसिएट प्रोफेसर डा.शर्वेश पांडेय, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विशाल पांडेय, अखिलेश सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।


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