अपर आयुक्त, एसडीएम व तहसीलदार पर कार्रवाई की संस्तुति
अपर आयुक्त एसडीएम व तहसीलदार पर कार्रवाई की संस्तुति
जागरण संवाददाता, मऊ: पोखरी, नाला, भीटा व सार्वजनिक प्रयोजन की करोड़ों की जमीन पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा फर्जी इंद्राज कराने के गलत आदेश करने व निगरानी निरस्त करने के मामले में मंडलायुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए तत्कालीन अपर आयुक्त प्रशासन आजमगढ़ मंडल, मऊ के सदर तहसील के तत्कालीन एसडीएम व तहसीलदार के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है। इसी के साथ ही अपर आयुक्त प्रशासन के न्यायालय में निगरानी भी दाखिल कर दी गई है। मंडलायुक्त की कार्रवाई से मंडल के अफसरों में हड़कंप है।
जिलाधिकारी मऊ ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी द्वारा मंडलायुक्त को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार मौजा सहादतपुरा, सारहू, ग्राम खालसा दक्षिण टोला व डोमन का पुरा सहित शहर में कई ऐसी जमीनें हैं जो पोखरी, नाला, भीटा व सार्वजनिक प्रयोजन की हैं। कुछ भू-माफिया फर्जी इंद्राज कराकर इस पर कब्जा जमा लिए हैं। इसमें वर्ष 20 अप्रैल 2012 को एक पक्ष ने वाद दर्ज कर इसे निरस्त करने की गुहार लगाई थी। इस पर तत्कालीन तहसीलदार सदर श्रीप्रकाश गुप्ता ने 17 नवंबर 2014 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें रिपोर्ट में भी पोखरी, नाला, भीटा व सार्वजनिक प्रयोग की भूमि बताया गया है। लेकिन आदेश एकतरफा किया गया है। इसी आदेश पर तत्कालीन एसडीएम सदर जगदंबा सिंह ने 20 नवंबर 2014 को मुहर लगा दी। इस आदेश के विरुद्ध दो निगरानियां तत्कालीन अपर आयुक्त प्रशासन राजेंद्र कुमार के यहां दाखिल की गई थीं। इन्होंने भी बिना तहकीकात किए ही उक्त आदेश को सही माना और 05 दिसंबर 2018 को निगरानी निरस्त कर दी थी। 09 फरवरी के अंक में दैनिक जागरण ने पूर्वांचल पेज पर इसे प्रकाशित किया था। इस मामले को मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने गंभीरता से लिया था और जांच अपर आयुक्त प्रशासन से कराई थी। जांच में डीएम मऊ द्वारा भेजी गई सारी रिपोर्ट गलत पाई गईं। इस आधार पर मंडलायुक्त ने तत्कालीन अपर आयुक्त प्रशासन राजेंद्र कुमार, एसडीएम सदर जगदंबा सिंह और तहसीलदार सदर श्रीप्रकाश गुप्ता दोषी पाए गए। इन सभी के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट भेज दी है।
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गलत कार्य करने वाले किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को छोड़ा नहीं जाएगा। इसकी भी शिकायत मिलेगी, उसकी जांच कर उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी। ऐसे में अफसर अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाएं।
कनक त्रिपाठी, मंडलायुक्त आजमगढ़ मंडल