रामचरित मानस दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों में से एक
अमिला नगर पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय डीहबाबा स्थान पर सोमवार की देर सायं मानस सम्मेलन का शुभारंभ हनुमान चालीसा परायण पाठ से हुआ।
जागरण संवाददाता, बोझी (मऊ) : अमिला नगर पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय डीह बाबा स्थान पर सोमवार की देर शाम मानस सम्मेलन का शुभारंभ हनुमान चालीसा परायण पाठ से हुआ। मानस सम्मेलन का यह 36वां वर्ष है। इसके पूर्व डीह बाबा का पूजन-अर्चन, श्री रामचरित मानस व हनुमान जी के पूजन के पश्चात मानस कथा की शुरुआत उमाकांत ओझा ने की। कहा कि रामचरित मानस दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों में से एक है। मानस में लिखे दोहा व चौपाइयां आज भी हर प्रकार से प्रासंगिक हैं। जैसा अध्ययन वैसा ज्ञान, विविध रूपों में समाहित है।
ग्वालियर से पधारी मानस विद्वान राधा शर्मा ने सती का वर्णन करते हुए कहा कि पति की आज्ञा की अवहेलना की कीमत सती को भोगना पड़ा। मार्मिक चित्रण कर मनमुग्ध कर दिया। इसी क्रम में मानस वक्ता गंगा सागर पांडेय व रीतेश राय ने भगवद भक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि भगवद भक्ति ही मोक्ष का सर्वोत्तम साधन है। इससे भव सागर मानव पार उतर सकता है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी की भक्ति की पराकाष्ठा ही है कि स्वयं प्रभु राम को हनुमान जी के हृदय में वास करना पड़ा। सदैव भक्त, भक्ति का स्थान भगवान से ऊपर होता है। मानस कथा के अंत में श्रीराम चरित मानस की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया। इसमें मानस सम्मेलन समिति के अध्यक्ष रामप्रसाद कुशवाहा, मंत्री अशोक कुमार ओझा, अखिलेश्वर शुक्ल, शिवनाथ साहू, राजन कुशवाहा, दिनेश गुप्ता, प्रेमशंकर राय, संतोष गुप्ता आदि उपस्थित थे।
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