जीपीएस लगने से पकड़ में आ गई बोलेरो
कुछ तकनीक का कमाल और पुलिस की सक्रियता अधिक और प्रशंसनीय गंभीरता ने चोरी के दिन ही पीछा कर बिहार प्रांत में वाहन बरामद कर लिया है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : कुछ तकनीक का कमाल और पुलिस की सक्रियता अधिक और प्रशंसनीय गंभीरता ने चोरी के दिन ही पीछा कर बिहार प्रांत में वाहन बरामद कर लिया है। यह अलग बात है कि चोरों का नेटवर्क ऐसा कि पुलिस के पीछा करने का पता लग गया और सुनसान स्थान पर वाहन खड़ा कर चलते बने।
नगर से सटे मानिकपुर असना में बाजार के बाहरी हिस्से में मधुबन मार्ग पर बस चालक यशवंत का मकान है। सोमवार की शाम उसने अपनी बोलेरो दरवाजे सामने खड़ा किया था। रात में लगभग दो बजे वाहन गायब मिला। आसपास पूछताछ की औपचारिकता के बाद वाहन स्वामी ने पुलिस को सूचना दी। उधर वाहन में वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली (जीपीएस) लगी थी, जिसके बाबत चोर अनभिज्ञ थे। इसकी जानकारी होते ही कोतवाल पीएन मिश्रा ने उपनिरीक्षक सविद्र राय को हमराही सिपाहियों संग रवाना कर दिया। वाहन की लोकेशन ट्रेस करती पुलिस भी पीछा करने लगी। दोपहर बाद पुलिस को बिहार प्रांत की सीमा में सड़क किनारे चोरी गई बोलेरो दिखी, पर चोर पुलिस से तनिक तेज निकले। वाहन में कोई न मिला। पुलिस वाहन को लेकर वापस देर रात पहुंच सकती है। बहरहाल तकनीक और तेजी के सुखद संयोग के बाद पुलिस के समक्ष चोरों के गिरोह तक पहुंचने और क्षेत्र में हुई तमाम बोलरो एवं बोलेरो पिकप की हुई चोरियों के बाबत पूछताछ कर बरामदगी करने की चुनौती होगी।
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क्या है जीपीएस
जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशिनिग सिस्टम या वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली का आविष्कार अमेरिका ने 1960 में अपनी सेना के लिए किया। 1978 में इसकी गुणवत्ता में तनिक कमी कर आम नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया गया। अमेरिका द्वारा संचालित इस प्रणाली का प्रयोग करने वाले देशों में भारत भी है। पृथ्वी से 19300 किमी दूर अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे 24 उपग्रहों के माध्यम से वाहनों में लगी यह प्रणाली रेडियो सिग्नल प्राप्त करती है। इसे एंड्रायड मोबाइल में भी स्थापित किया जा सकता है। यह प्रणाली किसी चयनित स्थान पर जाने लिए मार्ग बताती है। अगला मोड़ किस दिशा में है और कितनी दूर है, के साथ ही यह आपके वाहन की स्थिति, गति, दिशा और चयनित स्थल को जाने वाली सड़क की स्थिति भी बताती है। इन जानकारियों से इतर इस प्रणाली से लैस किसी स्थिर या चलायमान वस्तु की आपसे दूरी, दिशा और उसकी गति की भी जानकारी देती है। इससे पूरे विश्व का नक्शा, हर छोटे बड़े स्थान की जानकारी एवं ततकालीन समय ही नहीं किसी निश्चित स्थान पर पहुंचने के समय का भी सटीक पता लगाया जा सकता है। इसीलिए इसे अब शासकीय विशेष्कर पुलिस के वाहनों, वाणिज्यिक मालवाहकों एवं चोरी आदि की घटनाओं के बाद वाहन की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है।
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चोरों के निशाने पर बोलेरो वाहन
हाल में बोलरो वाहनों की चोरियों में काफी वृद्धि हुई है। स्थानीय नगर सहित मझवारा एवं अन्य स्थानों पर इसी माह हुई घटनाओं में एक साम्यता यह रही कि सभी वाहन बोलेरो रहे। दरअसल बिहार में इन वाहनों की मांग अधिक है। इसके चलते वाहन चोर जिले से देवरिया, सिवान या बलिया-बक्सर के रास्ते इन वाहनों को बिहार पहुंचाते हैं।