बोआई से पूर्व बीजोपचार अति आवश्यक
रबी का सीजन प्रारंभ हो गया है। मुख्य फसल गेहूं सहित अन्य फसलों की बोआई से पूर्व बीजोपचार अति आवश्यक है। इफ्को, पीसीएफ, डीसीएफ, बीज विकास निगम, सहकारिता विभाग सहित कृषि विभाग के केंद्रों पर मिलने वाले बीज पहले से ही शोधित होते हैं। इन बीजों का शोधन करने की आवश्यकता नहीं है।
जागरण संवाददाता, मऊ : रबी का सीजन प्रारंभ हो गया है। मुख्य फसल गेहूं सहित अन्य फसलों की बोआई से पूर्व बीजोपचार अति आवश्यक है। इफ्को, पीसीएफ, डीसीएफ, बीज विकास निगम, सहकारिता विभाग सहित कृषि विभाग के केंद्रों पर मिलने वाले बीज पहले से ही शोधित होते हैं। इन बीजों का शोधन करने की आवश्यकता नहीं है। दूसरी ओर बाजार में उपलब्ध बीज शोधित नहीं होते हैं। इसके लिए कार्बेंडाजीम एवं थीरम की आवश्यकता होती है। सरकारी केंद्रों से इतर हजारों किसान बाजार से बीज तो खरीद लेते हैं लेकिन बिना उपचारित किए ही बो देते हैं। इससे फसल में अधिकांश रोग लगने की संभावना बनी रहती है।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके ¨सह बताते हैं कि बीज उपचार की दिशा में किसानों को अभी बहुत जागरूकता की आवश्यकता है। सरकारी व सहकारी केंद्रों से मिलने वाले बीज पूर्व में ही उपचारित होते हैं। इससे इतर बाजार से खरीदने वाले सभी बीजों का उपचार नितांत आवश्यक है। इसके साथ ही अपने घर पर रखे गए बीज का उपचार भी करना चाहिए। बहुधा किसान बिना उपचार के ही बीज की बोआई कर देते हैं। इससे फसल में रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। गेहूं का बीजोपचार न होने की दशा में फाल्स स्मट, लूज स्मट या उकठा जैसे रोग लग जाते हैं। कार्बेंडाजीम या थीरम से बीज का उपचार करने के बाद ही किसान बुआई करें। इससे बीमारी लगने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है। डॉ. ¨सह ने बताया कि गेहूं सहित सभी फसल की बुआई से पूर्व बीज का उपचार अवश्य करें।
इनसेट-
भराई के बाद खेत की करें जुताई
डॉ. ¨सह ने बताया कि बहुतेरे किसानों द्वारा गेहूं की बोआई के लिए खेत की भराई की जा रही है। ठंडा हो रहे मौसम में ऐसे खेतों का निखार देर से होगा। ऐसे में ¨सचाई वाले खेत को कल्टीवेटर से हल्की जुताई करा देना चाहिए। जोताई के बाद इस खेत के निखार में तेजी आएगी। गेहूं के बीज व उवर्रक छिड़काव के बाद रोटावेटर से खेत को पलेवा कराएं। इससे जमाव में आशातीत वृद्धि होगी।