होली में विशेष सावधानी बरतें गर्भवती महिलाएं
होली रंगों और हंसी-खुशी का त्योहार है। इस त्योहार में आपसी प्रेम बढ़ता है। रिश्तों की माधुर्यता और निखर कर सामने आती है। इन दिनों में आप किसी को होली खेलने से मना नहीं कर सकतीं परंतु गर्भवती महिलाओं को होली में रंग खेलते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
जागरण संवाददाता, मऊ : होली रंगों और हंसी-खुशी का त्योहार है। इस त्योहार में आपसी प्रेम बढ़ता है। रिश्तों की माधुर्यता और निखर कर सामने आती है। इन दिनों में आप किसी को होली खेलने से मना नहीं कर सकतीं परंतु गर्भवती महिलाओं को होली में रंग खेलते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ताकि किसी प्रकार की परेशानी की आशंका से बचा जा सके और आने वाला बेबी हेल्दी रहे। जिला अस्पताल में होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा. नम्रता श्रीवास्तव बताती हैं कि रसायनयुक्त रंगों और मिलावटी मिठाइयों से धात्री मां और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है।
उनका कहना है कि गर्भधारण के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता शिथिल पड़ जाती है, जिससे उनके बीमार पड़ने और संक्रमण का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। इस समय महिलाओं को रसायनयुक्त रंग काफी गंभीर असर डाल सकते हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि इन रासायनिक रंगों के प्रभाव से नर्वस सिस्टम, किडनी और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। गर्भवती महिला अगर इसके संपर्क में आती है तो उसे समयपूर्व प्रसव, बच्चे का वजन कम होना समेत गर्भपात का खतरा हो सकता है। रसायनयुक्त रंगों की जगह होली खेलने के लिए हर्बल रंग सबसे अच्छे होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादा मिठाइयां और कार्बोनेटेड पेय पदार्थ पीने से शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। इससे गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मिठाइयां या तो बिल्कुल ना खाएं या फिर बहुत कम मात्रा में खाएं। साथ ही होली में बजने वाले डीजे आदि वाद्ययंत्रों को नजदीक से जाकर बिल्कुल भी न सुनें।