चुनावी जंग में निर्णायक की भूमिका निभाएंगे पोस्टल मतदाता
जागरण संवाददाता मऊ मतदान करने की इलेक्ट्रिक डिवाइस इवीएम व वीवीपैट के जमाने में पहली बा
जागरण संवाददाता, मऊ : मतदान करने की इलेक्ट्रिक डिवाइस इवीएम व वीवीपैट के जमाने में पहली बार 18वीं विधानसभा के चुनाव में पोस्टल मतदाता निर्णायक होंगे। इसमें जहां 80 वर्ष से अधिक उम्र व दिव्यांग मतदाताओं की एक बड़ी तादाद है, तो वहीं मतदान कार्मिक, कोविड संक्रमित व अनिवार्य सेवाओं के अधिकारी-कर्मचारी जीत-हार की कहानी लिखेंगे। ऐसे सभी मतदाता पोस्टल बैलेट के जरिए घर से ही विधानसभा चुनाव के सहभागी होंगे।
इस बार चुनाव में 80 वर्ष से अधिक मतदाता व दिव्यांग मतदान केंद्र पर नहीं जाएंगे। आयोग के निर्देश पर पहली बार इन्हें पोस्टल बैलेट का इंतजाम किया गया है। चुनावी ड्यूटी में लगे मतदान कार्मिक ऐसे मतदाताओं का फार्म भराएंगे। इसमें सबसे अधिक दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाता सदर विधानसभा में हैं। वहीं सबसे कम मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा में हैं।
सर्विस वोटरों की अहम भूमिका
देश में सरकारी नौकरी के लिए बहुत से वोटर्स शहर के बाहर रहते हैं। ऐसे लोगों को सर्विस वोटर कहा जाता है। इसमें विशेषकर सैनिक, अर्द्धसैनिकों को इसमें शामिल किया जाता है। मतदान करना सभी का अधिकार है इसलिए अन्य जिलों व प्रदेशों में रहने वाले सर्विस वोटरों को उनके पते पर बैलेट पेपर भेजा जाता है। इनके वोट को सुरक्षित रखा जाता है। मतगणना के दिन सबसे पहले इन्हीं बैलेट मतों की गिनती की जाती है।
आयोग के निर्देश पर 80 प्लस, दिव्यांग मतदाता, कोविड पाजिटिव, मतदान कार्मिक व अनिवार्य सेवाओं में लगे अधिकारी-कर्मचारी पोस्टल बैलेट से मतदान करेंगे। इसकी तैयारियां की जा रही हैं। अनिवार्य सेवाओं में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटा तलब किया गया है।
- भानु प्रताप सिंह, अपर जिलाधिकारी, मऊ।
प्वाइंटर--
80 प्लस व दिव्यांग विधानसभावार मतदाता--
विधानसभा - 80 प्लस मतदाता - दिव्यांग
353 मधुबन- 7,896 - 1,842
354 घोसी - 7,574 - 2,334
355 मु.बाद गोहना - 6,963 - 1,450
356 सदर - 8,424 - 2,520 जनपद में विधानसभावार सर्विस वोटर--
353 मधुबन - 957
354 घोसी - 842
355 मु.बाद गोहना - 1046
356 सदर - 1891