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अरहर की फली को बर्बाद कर रहे कीट

बीते माह में हुई बारिश के चलते जहां नीचे के खेतों में बोई गई किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई वहीं बची-खुची फसलों को कीट-पतंगों ने साफ कर दिया। इस समय सबसे ज्यादा किसान अरहर के पौधों पर कीटों के हमले से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 06:07 AM (IST)
अरहर की फली को बर्बाद कर रहे कीट
अरहर की फली को बर्बाद कर रहे कीट

जागरण संवाददाता, नौसेमरघाट(मऊ) : बीते माह में हुई बारिश के चलते जहां नीचे के खेतों में बोई गई किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई, वहीं बची-खुची फसलों को कीट-पतंगों ने साफ कर दिया। इस समय सबसे ज्यादा किसान अरहर के पौधों पर कीटों के हमले से परेशान हैं। कोपागंज विकास खंड के दर्जनों गांवों के किसानों की शिकायत है कि अरहर की फली और पत्ती को काटकर कीट खेत में नीचे गिरा दे रहे हैं। दवाओं के छिड़काव की भी कोई खास असर नहीं हो रहा है।

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चौबेपुर, जहनियापुर, धवरियासाथ, सोड़सर, सहरोज, चिस्तीपुर आदि गांवों के किसान रामसरीख, जयद्रथ चौबे, श्यामसुख चौबे, प्रदीप यादव, मदनमोहन राय, सुदामा चौहान, अशोक सिंह आदि ने बताया कि कीटों के हमले से अरहर की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है। माहू के नाम से विख्यात यह कीट अरहर की पत्तियों और फली के डंठल को काटकर नीचे गिरा दे रहे हैं। कहा कि ऐसी स्थिति में अरहर के पौधे का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। दलहनी किसानों की इस समस्या का समाधान करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा.वीके सिंह ने बताया कि इमिडाक्लोरोपिड नाम की दवा एक लीटर पानी में एक से डेढ़ एमएल मिलाकर छिड़काव करें तो ऐसे कीटों से राहत मिल जाएगी। इस दवा से फली छेदक कीट भी नहीं लगेंगे। जिस खेत में भी यह समस्या हो वहां किसान तत्काल इसका छिड़काव करें।


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