फर्जी इंद्राज पर बना था पेरिस प्लाजा, सीज
बख्तावरगंज निवासी अजय कुमार राय की शिकायत और जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी के निर्देश पर मामले की जांच-पड़ताल एवं दायर वाद पर निर्णय देते हुए उपजिलाधिकारी सदर अतुल वत्स ने तथाकथित पेरिस प्लाजा को सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से निर्मित होने का आदेश पारित कर दिया है।
जागरण संवाददाता, मऊ : बख्तावरगंज निवासी अजय कुमार राय की शिकायत और डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी के निर्देश पर मामले की जांच-पड़ताल एवं दायर वाद पर निर्णय देते हुए एसडीएम सदर अतुल वत्स ने तथाकथित पेरिस प्लाजा को सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से निर्मित होने का आदेश पारित कर दिया है। इस आदेश के दूसरे ही दिन शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट ने पेरिस प्लाजा को चारो तरफ से सीज करते हुए शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक की अभिरक्षा में सौंप दिया। अरबों रुपये मूल्य की जमीन पर हुई इस कार्रवाई से जिले के भू-माफियाओं में खलबली मची है।
दस्तावेजों में हेराफेरी करके बुनाई विद्यालय को 1962 में बेची गई। इस जमीन को 1362 फसली में राजस्व अभिलेखों में इसे जहीर हसन आदि का नाम अंकित कर जिला उद्योग को यही जमीन दोबारा बेची गई थी। एसडीएम अतुल वत्स ने जब अभिलेखों को खंगाला तो पता चला कि फसली 1381 तक अभिलेख में गाटा संख्या 252 क्षेत्रफल 0.050 एकड़ बंजर को उस समय के लेखपाल ने फर्जी तरीके से 1382 फसली में आराजी संख्या 252 को जकी अहमद पुत्र मोहम्मद याकूब के नाम दर्ज कर दिया था। तब से जकी अहमद के वारिसों को वरासत होती रही। एसडीएम ने मामले में शासकीय अधिवक्ता एवं नगर पालिका के अधिवक्ता के वाद पर 13 पेज का निर्णय देते हुए इस जमीन के इंद्राज को फर्जी करार दिया। एसडीएम ने बताया कि इस जमीन पर फर्जी तरीके से स्वामित्व का इंद्राज कराया गया था। उधर, शुक्रवार शाम बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स एवं राजस्व कर्मियों की टीम के साथ पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट जेएन सचान ने पेरिस प्लाजा को सीज कर दिया। बता दें कि पेरिस प्लाजा तथा उसके आस-पास कुल चार बीघा जमीन थी, जिसकी कीमत अरबों में आंकी जा रही है। पेरिस प्लाजा में ही एक शापिग माल एवं मैरिज हाल का भी संचालन हो रहा था।