पाक्सो के आरोपी को सात साल के कारावास की सजा
जागरण संवाददाता, मऊ : अवयस्क बच्चों को लैंगिक अपराध से संरक्षण प्रदान करने के मामलों की वि
जागरण संवाददाता, मऊ : अवयस्क बच्चों को लैंगिक अपराध से संरक्षण प्रदान करने के मामलों की विशेष अदालत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक वीर नायक ¨सह ने सुनवाई की। इसमें अवयस्क लड़कियों को बहका-फूसलाकर भगाने व उसके साथ दुराचार के मामले में दो सगे भाइयों को विचारण के उपरांत लड़की भगाने उसके परिवार को धमकी देने व दुराचार के आरोपों में दोनों आरोपियों अजय उर्फ बड़कई व विजय उर्फ छोटकई को उक्त आरोपों से बरी कर दिया। वहीं विजय उर्फ छोटकई द्वारा भगाई गई अवयस्क लड़की के मामले में पाक्सो के अपराध में उसे दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास व 5,000 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई गई।
यह मामला दो वर्ष पुराना 23 दिसंबर 2015 का है। मुहम्मदाबाद गोहना थानाक्षेत्र की वादीनी मुकदमा की दो अवयस्क पुत्रियां शौच को खेत में गई थी। इसी थानाक्षेत्र के वलीदपुर निवासी आरोपी गण अजय उर्फ बड़ाकई व विजय उर्फ छोटकई उन्हें बहका कर भगा ले गए तथा उनके साथ दुराचार किया। इस मामले में कुल चार गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराकर एडीजीसी मणिबहादुर ¨सह ने अभियोजन कथानक को संदेह से परे साबित कराने का पूरा प्रयास किया।
न्यायाधीश ने पत्रावली में साक्ष्य की गहन समीक्षा व बचाव व अभियोजन पक्ष के तर्को व नजीरों पर विस्तृत व्याख्या के उपरांत न्यायाधीश ने अजय द्वारा भगाई लड़की को बालीग व स्वेच्छा से उसके साथ जाने का साक्ष्य पाते हुए अजय को सभी आरोपों से दोष मुक्त कर दिया। वही विजय द्वारा भगाई लड़की को नाबालिग पाते हुए उसे पाक्सो के अपराध में सजा सुनाई।