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केंद्र सरकार की जांच में खुली ओडीएफ की पोल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रशासन गांवों में शौचालय निर्माण करा प्रदेश की रैं¨कग में 26वें स्थान पर काबिज हो परंतु ओडीएफ का सपना दूर है। केंद्र सरकार की क्यूसीआई यानि क्वालिटी कंट्रोल आफ इंडिया एजेंसी की जांच में प्रशासन के करतूत की पोल खुल गई है। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गांवों में शौचालय निर्माण के लिए अधिक एमआइएस कराया गया है जबकि धरातल पर कम शौचालय पाए गए। साथ ही अधिकाधिक सेप्टिक टैंक से निर्मित शौचालय पाए गए जबकि सोख्ते का निर्माण नहीं कराया गया था। केंद्र सरकार की एजेंसी ने सितंबर माह में फतहपुर मंडाव विकास खंड के तिनहरी, सिधा अहिलासपुर, नेवादा गोपालपुर, लालनपुर, बनपोखरा आदि 12 गांवों को खंगाला था। जहां यह मामले सामने आए। एजेंसी ओडीएफ घोषित करने पर भी सवाल खड़े किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 05:58 PM (IST)
केंद्र सरकार की जांच में खुली ओडीएफ की पोल
केंद्र सरकार की जांच में खुली ओडीएफ की पोल

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रशासन गांवों में शौचालय निर्माण करा प्रदेश की रैं¨कग में 26वें स्थान पर काबिज हो परंतु ओडीएफ का सपना दूर है। केंद्र सरकार की क्यूसीआई यानि क्वालिटी कंट्रोल आफ इंडिया एजेंसी की जांच में प्रशासन के करतूत की पोल खुल गई है। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गांवों में शौचालय निर्माण के लिए अधिक एमआइएस कराया गया है जबकि धरातल पर कम शौचालय पाए गए। साथ ही अधिकाधिक सेप्टिक टैंक से निर्मित शौचालय पाए गए जबकि सोख्ते का निर्माण नहीं कराया गया था। केंद्र सरकार की एजेंसी ने सितंबर माह में फतहपुर मंडाव विकास खंड के तिनहरी, सिधा अहिलासपुर, नेवादा गोपालपुर, लालनपुर, बनपोखरा आदि 12 गांवों को खंगाला था। जहां यह मामले सामने आए। एजेंसी ओडीएफ घोषित करने पर भी सवाल खड़े किए हैं। ये मिलीं कमियां

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- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत प्रथम चरण के सर्वेक्षण में मूल्यांकन के दौरान मुख्यत: जनपदो द्वारा एमआइएस पर संतृप्तीकरण की अधिक रिर्पो¨टग की गई पाया गया। जबकि वास्तविक रूप से शौचालय उससे कम मात्रा में निर्मित थे।

- ओडीएफ घोषित एवं सत्यापित ग्रामों में कुछ स्थानों पर शौचालयों का उपयोग शत-प्रतिशत नहीं किया जा रहा था। शौचालय निर्माण में असुरक्षित तकनीक का प्रयोग किया गया पाया गया। मुख्ययत: सेप्टिक टैंक में सोख्ता गड्ढ़ा का निर्माण नहीं था।

- बच्चों के मल का निपटान समुचित रूप से नहीं किया जा रहा था। जगह-जगह मिला कूड़े-करकट का अंबार।

- गांवों के गड्ढों में जमा गंदे पानी का निस्तारण नहीं। यह है आदेश

- पूर्व के खुले में शौच मुक्त घोषित ग्रामों में शत-प्रतिशत परिवारों के पास शौचालय की उपलब्धता एवं प्रत्येक सदस्य द्वारा उसका प्रयोग करने एवं विशेष रूप से बच्चों के मल के समुचित निस्तारण पर बल दिया जाए। समस्त शौचालयों को क्रियाशील बनाया जाए। जो ग्राम ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं तथा जिन शौचालयों के पूर्ण होने की प्रगति प्रेषित की गई है, उसका परीक्षण कराकर सुनिश्चित किया जाए कि शौचालय मौके पर पूर्ण होने के साथ ही उपयोग में भी हो।

- समस्त सार्वजनिक स्थल, विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए एवं सार्वजनिक स्थानों में कहीं भी कूड़ा-करकट न पड़ा हो।

- ग्राम की गलियों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों को जल निकासी एवं जल भराव की समस्या से मुक्त कराकर संपूर्ण ग्राम पंचायत क्षेत्र में साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। ग्राम में जल भराव की स्थिति न हो, इस हेतु इन स्थलों, मार्गो एवं नाले-नालियों की भी विशेष सफाई सुनिश्चित की जाए। सफाई कर्मचारियों का समूह गठित कर ग्रामों में साफ-सफाई का अभियान चलाकर सार्वजनिक स्थलों पर जलभराव तथा कूड़ा-करकट आदि का सुरक्षित निस्तारण करा लिया जाए।


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