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अब पैनल की कवायद में छात्रनेता

सर्वोदय पीजी कालेज में छात्रसंघ का चुनावी बिगुल बज चुका है। पहले से ही कमर कस रहे छात्रनेता अब स्वयं की या समर्थित प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने को पैनल बनाने की कवायद में जुट गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 05:39 PM (IST)
अब पैनल की कवायद में छात्रनेता
अब पैनल की कवायद में छात्रनेता

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : स्थानीय सर्वोदय पीजी कालेज में छात्रसंघ का चुनावी बिगुल बज चुका है। पहले से ही कमर कस रहे छात्रनेता अब स्वयं की या समर्थित प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने को पैनल बनाने की कवायद में जुट गए हैं। कुछ ने तो पैनल बना भी लिया है हालांकि इसकी घोषणा विपक्षी खेमे की चाल के बाद ही होगी।

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प्राचार्य डा. केएन उपाध्याय ने 18 दिसंबर को नामांकन एवं 23 दिसंबर को मतदान की तिथि घोषित की है। छात्रसंघ चुनाव की घोषणा के काफी पूर्व ही संभावित प्रत्याशियों की सक्रियता बढ़ गई थी। टंगे बैनर इनके चुनावी मैदान में कूदने की गवाही तो दे रहे थे पर चुनाव की तिथि घोषित होते ही तमाम दावेदार दिखने लगे हैं। तिथि की घोषणा के बाद निवर्तमान अध्यक्ष एवं महामंत्री सहित गत वर्ष परास्त हुए छात्रनेता अब आमने-सामने होने लगे हैं। निवर्तमान पदाधिकारियों ने तो सभी चार पदों हेतु प्रत्याशियों का नाम तय कर लिया है पर विपक्षी इस बार हर हाल में जीत दर्ज करने को सर्व स्वीकार्य प्रत्याशियों को मैदान में उतारने के लिए उधेड़बुन में हैं। शह और मात के इस खेल में विपक्षी की रणनीति को विफल करने को पैनल में अंतिम घड़ी तक परिवर्तन की संभावना रहती है। अभी तक अध्यक्ष पद हेतु पांच प्रत्याशियों के सामने आने की बात कही जा रही है हालांकि यह संख्या नामांकन के दिन तक परिवर्तनीय है। प्रत्याशियों की संख्या नामांकन के बाद ही स्पष्ट होगी। बीते चुनावों के ²ष्टिगत कहा जा सकता है कि इस बार भी कुछ पदों पर स्वतंत्र प्रत्याशी अवश्य उतरेंगे। अध्यक्ष पद सहित अन्य पदों के सभी प्रत्याशियों के पैनल के तहत उतरने की बात अब बीते जमाने की हो गई है। हालांकि इस हेतु पूर्व छात्रनेताओं का प्रयास जारी है। अंतिम घड़ी तक बात न बनी तो नामांकन के बाद मनुहार का दौर प्रारंभ होगा एवं तदनुसार ही पैनल तय होगा। पूर्व में स्वतंत्र रूप से चुनाव में बाजी मार चुके प्रत्याशियों का इतिहास पैनल की राह का रोड़ा साबित हो सकता है। बहरहाल नामांकन के बाद ही सुलह-समझौता की राजनीति अंतिम परिणाम पर पहुंचेगी। ऐसे में नामांकन के अगले दिन नाम वापसी की तिथि के बाद ही पैनल एवं प्रत्याशियों की अंतिम तस्वीर स्पष्ट होगी।


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