हत्यारोपित का कोर्ट में सरेंडर, थानाध्यक्ष निलंबित
पुलिस को धता बताते हुए मुख्य आरोपी ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण - पुलिस अधीक्षक ने माना सरायलखंसी पुलिस की घोर लापरवाही - बीते 16 जनवरी को बढुआगोदाम में दिनदहाड़े तड़तड़ाई थीं गोलियां
जागरण संवाददाता, मऊ : सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआगोदाम में 16 जनवरी को सरेआम दिनदहाड़े आरटीआइ कार्यकर्ता बालगो¨वद ¨सह की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी बढुआगोदाम के पूर्व प्रधान शैलेंद्र यादव ने पुलिस को चकमा देते हुए शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लोकेश नागर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सीजेएम ने हत्या के वांछित आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। अपराधी के न्यायालय में आत्मसमर्पण को लेकर पुलिस विभाग में खलबली मच गई। पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र बहादुर ने इसे पुलिस की घोर लापरवाही मानते थानाध्यक्ष सरायलखंसी राजेश प्रसाद यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
बता दें कि बीते सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआगोदाम निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता बालगो¨वद ¨सह को सुबह-सुबह टहलने निकलने के दौरान दो बाइकों पर सवार होकर आए छह बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। अस्पताल लाते समय रास्ते में ही गोलियों से घायल आरटीआइ कार्यकर्ता ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। घटना स्थल जहां बदमाशों ने आरटीआइ कार्यकर्ता को गोली मारी थी वह बढुआगोदाम पुलिस बूथ से महज कुछ ही मीटर दूर था। वहीं जिस जांच को पुलिस से कराने के मामले में आरटीआइ कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी, उसकी रिपोर्ट भी पुलिस के पास ही लंबित पड़ी थी। घटना के बाद से हत्यारोपियों की गिरफ्तारी को लेकर विश्व ¨हदू महासंघ की ओर से दो बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया गया और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई। मामले में पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र बहादुर की ओर से दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया था। शुक्रवार को हत्या में आरोपी बनाए गए पूर्व प्रधान शैलेंद्र यादव के कोर्ट में आत्मसमर्पण करते ही पुलिस अधीक्षक ने इसे थानाध्यक्ष की लापरवाही करार देते हुए निलंबित कर दिया।