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अकीदत के साथ मनी बकरीद, घरों में पढ़ी गई नमाज

जागरण संवाददाता मऊ अल्लाह की राह में कुर्बानी के जज्बे का इजहार करने वाला मजहब-ए-इस्ला

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 06:12 PM (IST)
अकीदत के साथ मनी बकरीद, घरों में पढ़ी गई नमाज
अकीदत के साथ मनी बकरीद, घरों में पढ़ी गई नमाज

जागरण संवाददाता, मऊ : अल्लाह की राह में कुर्बानी के जज्बे का इजहार करने वाला मजहब-ए-इस्लाम का पाकीजा त्योहार ईद-उल-अजहा यानि बकरीद शनिवार को पूरे जिले में पूरी अकीदत के साथ मनाई। हालांकि इस बार कोविड-19 महामारी के चलते नजारा पूरी तरह से जुदा रहा। अकीदतमंदों ने अपने घरों में ही बकरीद की खास नमाज अदा की और मआशरे व मुल्क में अमन-चैन, लोगों की सेहतयाबी की दुआ मांगी। इसके चलते मस्जिदें सूनी पड़ी रहीं, वहां पूर्व से निर्धारित महज पांच जनों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई थी। कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन कराने और हर ओर त्योहार पर शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल काफी अलर्ट दिखा। मस्जिदों के बाहर भी पुलिस के जवान तैनात रहे।

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सारी मुश्किलों के बाद भी लोगों में त्योहार को लेकर उत्साह था, लोग सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दिए थे। बड़े-बुजुर्गों के साथ ही बच्चे भी सुबह ही जागकर गुस्ल-ओ-फरागत से निपट कर नमाज की तैयारियों में जुट गए। नियत समय पर हर घर के आंगन, कमरे, हॉल, अहाते व लॉन में मुसल्ले (जानमाज) बिछे और लोगों ने अकीदत के साथ नमाज अदा की। पुरुषों के बाद घर की महिलाओं ने भी घरों में नमाज अदा की। इस दौरान आम अकीदतमंदों के साथ ही मौलाना-ए-करामों ने देश व दुनिया के लिए अमन चैन की दुआएं मांगीं। हर घर में बकरीद की खुशियां हिलोरे ले रही थीं। नगर पालिका अध्यक्ष तैयब पालकी ने सभी लोगों को बकरीद की की मुबारकबाद दी और कहा कि कुर्बानी के अवशेषों को इधर-उधर न फेंककर उसे मिट्टी में गाड़ दें या नगर पालिका द्वारा जगह-जगह खोदे गए गड्ढों में गाड़ दें ताकि नगर में सफाई का माहौल बना रहे क्योंकि साफ-सफाई भी आधा ईमान है। हालांकि बकरीद के मद्देनजर नगर पालिका ने भी हर गली में साफ-सफाई व चूने छिड़क कर बेहतर इंतजाम किए थे। सूना रहा खीरीबाग, उदास रहे बच्चे

हंसी-खुशी, कुर्बानी व जकात के त्योहार ईद-उल-अजहा यानि बकरीद पर बड़ों ने नमाज व कुर्बानी की रस्म को सुन्नत के आधार पर अदा किया तो अल्लाह की राह में हर साल की तरह बकरों, भैंस, दुंबा व कहीं-कहीं ऊंट की कुर्बानी भी पेश की। इन सब के बीच एक ओर कुर्बानी का त्योहार व जज्बा था, जो उल्लास बनकर बच्चों के हृदय में घुमड़ रहा था तो वहीं खीरीबाग के मैदान में मेला न लगने की कसक भी उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। शहर के खीरीबाग में बकरीद के मौके पर तीन दिनों का मेला लगता था, जिसमें बच्चों की मौज हुआ करती थी। सभासद जावेद यार्न ने बताया कि इस बार कोविड-19 की वजह से मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है, इंशा अल्लाह, हालात बेहतर हुए तो अगली बार फिर मेला लगवाया जाएगा।


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