अल्पसंख्यक मतदाताओं की रुझान पर होगी निगाह
इस लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं की रुझान बेहद अहम है। हर प्रत्याशी इसे बखूबी समझ रहा है। अरसे बाद संयोग ऐसा बना है कि यह वर्ग इस बार हाट सीट पर है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : इस लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं की रुझान बेहद अहम है। हर प्रत्याशी इसे बखूबी समझ रहा है। अरसे बाद संयोग ऐसा बना है कि यह वर्ग इस बार हाट सीट पर है। ऐसे में एक राजनीतिक दल को छोड़ हर प्रत्याशी की इन पर निगाह टिकी है। इस चुनाव में अल्पसंख्यक वर्ग को रिझाने को हर दल हर कवायद कर रहा है। कोई मनगढ़ंत आंकड़ा पेश कर रहा है तो कोई अफवाह फैलाने से बाज नहीं आ रहा है। उधर अभी तक यह वर्ग भले ही पशोपेश में रहा है पर इस बार बात जुदा है। रमजान का महीना और गजब की धूप के चलते इस वर्ग के अधिसंख्य मतदाता सुबह ही मतदान करेंगे। हर बार दोपहर बाद हवा देखकर मतदान करने की बात नहीं होगी। निकल कर आ रहे तथ्य संकेत करते हैं कि यह वर्ग सोच-समझ कर एकजुटता दिखाएगा।
वेट एंड वाच यानी अंतिम घड़ी में सटीक सामूहिक निर्णय लेने में सक्षम यह वर्ग इस बार मात और शिकस्त नहीं वरन जीत की बाजी खेलने पर आमादा है। अभी तक के चुनाव में इस समुदाय के समक्ष जो भी मुद्दे रहे हैं उनमें इस चुनाव में एक और मुद्दा शामिल हो गया है। अब देखना यह कि यह समुदाय सियासी दलों के हाथ मोहरा बनता है या फिर एकजुटता बनी रहती है। इस वर्ग की शिक्षित और जागरूक महिलाओं की रुझान को लेकर चुनाव की घोषणा के बाद से चल रही बहस का निष्कर्ष भी आज ईवीएम में कैद होगा। बहरहाल जीत की रेस में शामिल प्रमुख प्रत्याशियों की किस्मत यह वर्ग तय करेगा। बहरहाल सभी राजनीतिक पंडितों की निगाह इनके मतों की रुझान पर निगाह टिकाए हैं।
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