टमाटर की खेती करने वाले किसानों को 37500 रुपये अनुदान
टमाटर की खेती करने वाले किसानों को 37500 रुपये अनुदान
टमाटर की खेती करने वाले किसानों को 37500 रुपये अनुदान
जागरण संवाददाता, मऊ : अनुसूचित जाति, जनजाति कृषकों के लिए औद्यानिक विकास कार्यक्रम (सेक्टर) के तहत जनपद में टमाटर की खेती करने वाले अनुसूचित जाति के किसानों के लिए सुनहरा अवसर है। किसानों के लिए 09 हेक्टेयर का लक्ष्य शासन की तरफ से निर्धारित किया गया है। इसके लिए सरकार की तरफ से प्रति हेक्टेयर 37500 रुपये अनुदान भी दिया जाएगा। इसके लिए सितंबर माह से अनुसूचित जाति के किसान आवेदन कर सकते हैं। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा। पहली बार इतना बड़ा लक्ष्य शासन की तरफ से निर्धारित किया गया है। टमाटर की देशी किस्में पूसा शीतल, पूसा-120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली प्रमुख हैं। इसके अलावा टमाटर की हाइब्रिड किस्में पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाईब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 प्रमुख हैं।
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अर्कारक्षक टमाटर की अच्छी किस्म
किसानों के बीच टमाटर की अर्का रक्षक किस्म काफी लोकप्रिय है। एक तरफ तो इस किस्म से बंपर पैदावार मिलती है वहीं दूसरी ओर इसमें टमाटर में लगने वाले प्रमुख रोगों से लडऩे की क्षमता अन्य किस्मों से अधिक है। साथ ही अर्का रक्षक का फल काफी आकर्षक और बाजार की मांग के अनुरूप होता है। इसलिए किसानों का रूझान इस किस्म की ओर बढ़ रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. एलसी वर्मा की मानें तो इसमें त्रिगुणित रोग प्रतिरोधक होती है। इसमें पत्ती मोडक़ विषाणु, जीवाणुविक झुलसा और अगेती अंगमारी जैसे रोगों से लडने की क्षमता है। वहीं इसके फल का आकार गोल, बड़े, गहरे लाल और ठोस होता है। वहीं फलों का वजन 90 से 100 ग्राम तक होता है।
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टमाटर की बुवाई का सही समय
जनवरी में टमाटर के पौधे की रोपाई के लिए किसान नवंबर माह के अंत में टमाटर की नर्सरी तैयार कर सकते हैं। पौधों की रोपाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में करना चाहिए। यदि आप सितंबर में इसकी रोपाई करना चाहते हैं तो इसकी नर्सरी जुलाई के अंत में तैयार करें। पौधे की बोवाई अगस्त के अंत या सितंबर के पहले सप्ताह में की जा सकती है। मई में इसकी रोपाई के लिए मार्च और अप्रैल माह में नर्सरी तैयार करें। पौधे की बोवाई अप्रैल और मई माह में करें।
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टमाटर की पौधे ऐसे करें तैयार
खेत में रोपने से पहले टमाटर के पौधे नर्सरी में तैयार किए जाते हैं। इसके लिए नर्सरी को 90 से 100 सेंटीमीटर चौड़ी और 10 से 15 सेंटीमीटर उठी हुई बनाना चाहिए। इससे नर्सरी में पानी नहीं ठहरता है। वहीं निराई-गुड़ाई भी अच्छी तरह हो जाती है। बीज को नर्सरी में 4 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए। टमाटर के बीजों की बुवाई करने के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। बीज की नर्सरी में बोआई से पहले 02 ग्राम केप्टान से उपचारित करना चाहिए। वहीं खेत में 8-10 ग्राम कार्बोफुरान तीन जी प्रति वर्गमीटर के हिसाब से डालना चाहिए।
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किसान किसी भी कार्यदिवस पर ब्लाक मुख्यालय व विकास भवन स्थित उनके कार्यालय पर आवेदन भरकर जमा कर सकते है। आनलाइन भी आवेदन करने की सुविधा है। किसान कहीं से भी आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
--संदीप कुमार गुप्ता, जिला उद्यान अधिकारी।