स्वीकृति के बाद भी अधर में है जीरो-बी ओबी
स्वीकृति के बाद भी अधर में है जीरो-बी ओबी
स्वीकृति के बाद भी अधर में है जीरो-बी ओबी
जागरण संवाददाता, मऊ : जिले में कई विकास कार्य प्रगति पर है लेकिन सभी विलंबित हैं। बाल निकेतन जीरो-बी रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज, फोरलेन बाइपास या इंदारा दोहरीघाट रेल मार्ग के आमान परिवर्तन का कार्य हो, सब पर ग्रहण के बादल अभी छटे नहीं हैं। जिन कार्यों को वर्ष 2020 तक ही पूरा हो जाना चाहिए था, वह 2022 में अधूरे पड़े हैं। रेलवे क्रासिंग बंद होने से धूप में आमजन का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार शर्मा व सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर समाजसेवी देवप्रकाश राय ने विकास योजनाओं को शीघ्र पूरा कराने की मांग की है।
इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग के आस-पास के ग्रामीण रुक-रुक कर काम चलने से तंग हैं। ट्रकों के आने-जाने व ग्रामीण रास्तों के कट-पिट जाने से ग्रामीणों को रोज परेशानी उठानी पड़ रही है। यही परेशानी बढुआगोदाम से भदसा मानोपुर तक बनाए जा रहे फोरलेन बाइपास के अधूरा रहने से सामने आ रही हैं। जगह-जगह ग्रामीण रास्ते फोरलेन की दहलीज तक जाकर समाप्त हो गए हैं। जैसे-तैसे खेती-किसानी और कृषि यंत्रों को लोग खेतों तक पहुंचा रहे हैं। वहीं, शहर के बाल निकेतन रेलवे क्रासिंग पर प्रतिदिन 50 से अधिक बार बैरियर गिरने के बाद जाम लग रहा है। इससे शहर की लगभग तीन लाख आबादी प्रतिदिन परेशान हो रही है। समाजसेवी देवप्रकाश राय ने कहा कि जनता स्थानीय राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और संगठन के पदाधिकारियों पर दबाव बना रही है। शासन-प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद काम में वांछित रफ्तार नहीं देखी जा रही है।
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रेलवे की जितनी भी विकास योजनाएं प्रगति पर हैं, कार्यदायी संस्थाओं को सभी को जल्द से जल्द पूरा करने की हिदायत दी गई है।
- अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी रेल मंडल।