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शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांव, उमड़ा जनसैलाब

देश सेवा में शहीद हलधरपुर थाना क्षेत्र के चकरा निवासी भार।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 10:28 PM (IST)
शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांव, उमड़ा जनसैलाब
शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांव, उमड़ा जनसैलाब

जागरण संवाददाता, थलईपुर (मऊ) : देश सेवा में शहीद हलधरपुर थाना क्षेत्र के चकरा निवासी भारतीय सेना के जवान गणेश यादव (37) पुत्र विश्वनाथ यादव का शव शनिवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब उनके घर पहुंचा। इस दौरान अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहीद को गार्ड आफ आनर दिया गया। लोगों के दर्शनार्थ शहीद का शव रख दिया गया। इसके बाद शव से लिपटकर शहीद की पत्नी तारा देवी व दो बच्चे रो रहे थे। पिता विश्वनाथ यादव के आंसुओं की धार नहीं रूक नहीं थी। सामने जवान बेटे शव देखकर उनका कलेजा फटा जा रहा था।

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लेह में तैनात गणेश की बुधवार को ठंड से मौत हो गई थी। 2002 में 285 मीडियम रेजिमेंट में सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे। उनकी लेह में दूसरी तैनाती थी। मुंबई में रह रहे उनके भाई राजेश को कंपनी कमांडर की तरफ से सूचना दी गई थी।

दिल्ली से सीधे शहीद का शव बावतपुर हवाई अड्डा पर पहुंचा था। वहां से देर रात उनका शव पैतृक गांव चकरा के लिए रवाना हुआ। शव पहुंचने से पहले ही आला अफसरों सहित भारी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए। वनमंत्री दारा सिंह चौहान मौके पर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया और पत्नी तारा को 50 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल, पुलिस अधीक्षक सुशील घुले सहित भारी संख्या में फोर्स मौके पर मौजूद थी। शव के घर पहुंचने पर पुलिस एवं सेना ने जवानों ने गारद, सलामी दी। पूर्व विधायक सुधाकर सिंह, जिलाधिकारी, एसपी, बसपा प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर, अल्ताफ अंसारी, सपा जिलाध्यक्ष धर्म प्रकाश यादव, बसपा जिला ध्यक्ष राजीव कुमार ने तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र रख कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखों से पुष्प चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पिता के शव देख बेटी आसमा हो गई बेहोश

पिता का शव देखते ही उनकी दस वर्षीय बेटी आसमा बेहोश हो गई। तीन दिन पूर्व शहीद होने की सूचना पर रोते-रोते पत्नी तारा बेसुध पड़ी थी। भाई राजेश, पिता विश्वनाथ का भी बुरा हाल था।

एक किलोमीटर तक शव यात्रा में चल रहे थे लोग

शहीद के शव के साथ एक किलोमीटर लंबी शव यात्रा में लोग चल रहे थे। अलीनगर गांव के युवा यशवंत चौहान व बलवंत सिंह सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे है। उनके साथ तैयारी में लगे साठ से सत्तर की संख्या में युवा पहसा से ही पैदल शहीद के शव वाहन के पीछे लगभग छह किमी दूर चकरा पहुंचे। शहीद का दाह संस्कार दोहरीघाट स्थित मुक्तिधाम घाट पर किया गया। यहां शहीद के पिता विश्वनाथ ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी।

स्टेडियम व इंजीनियरिंग कालेज की मांग

थलईपुर (मऊ) : शहीद हुए चकरा के गणेश के घर पहुंचे प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान को गांव के प्रधान प्रतिनिधि अजय कुमार यादव के साथ युवाओं ने शहीद की याद में यहां एक स्टेडियम बनवाने की मांग की। युवा वहां तैयारी कर सेना में भर्ती होकर भारत मां की सेवा कर सके। साथ ही एक इंजीनियरिग कालेज खुलवाने को लेकर पत्रक दिया।

सैनिक कल्याण निदेशालय ने दी श्रद्धांजलि

घोसी (मऊ) : शहीद हुए हवलदार गनेश यादव पर सेना को गर्व है। निदेशालय का प्रतिनिधित्व करते हुए जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र के प्रभारी कमांडर रवींद्र सिंह तेवतिया शहीद के पैतृक आवास चकरा पहुंचकर पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किया। विभिन्न स्थानों पर गनेश की शहादत को सैल्यूट

घोसी (मऊ) : जिले के चकरा निवासी शहीद हवलदार गनेश यादव की अंतिम यात्रा चकरा से मझवारा, रघौली एवं घोसी होते हुए दोहरीघाट में समाप्त हुई। इस शहीद का ननिहाल रघौली के रामनिधि मिश्रौली गांव में है। इसके चलते ननिहाल पक्ष के सैकड़ों लोगों ने रघौली में पुष्पांजिल अर्पित किए। यही क्रम घोसी के मझवारा मोड़ पर दिखा। दरअसल सैनिक का विवाह मिर्जा जमालपुर में हुआ है।


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