भगवान भास्कर ने राह बदली, आनंद से नहा उठी सृष्टि
जागरण संवाददाता मऊ सौर मंडल के मुखिया सृष्टि के प्रत्यक्ष देव भगवान भाष्कर के धनु से मकर
जागरण संवाददाता, मऊ : सौर मंडल के मुखिया, सृष्टि के प्रत्यक्ष देव भगवान भाष्कर के धनु से मकर राशि में पहुंचने की प्राकृतिक घटना के उपलक्ष्य में स्नान-दान का पर्व मकर संक्रांति गुरुवार को पूरे जनपद में श्रद्धा एवं परंपरागत उल्लास के साथ मनाया गया। जिला मुख्यालय के ब्रह्मस्थान सहित अनेक स्थानों पर मेला लगा तो अनेक स्थानों पर खेलकूद के आयोजन हुए। दोहरीघाट में सरयू नदी व नगर तथा अन्य स्थानों पर तमसा नदी व पवित्र सरोवरों में स्नानार्थियों का रेला उमड़ पड़ा। स्नान-ध्यान कर लोगों ने दान-दक्षिणा दे पुण्य अर्जित किए।
बहू-बेटियों और ससुराल में रह रही बहनों को वस्त्र, आभूषण, अन्न व अनाज से बने व्यंजनों के उपहार भेजे गए। खरमास के समाप्त होने के साथ ही अनेक शुभ कार्यों की तैयारियां आरंभ हो गईं। इस दौरान आसमान रंग-बिरंगी पतंगों की कलाबाजियों से तरंगित हो उठा था। हालांकि मौसम में भीषण गलन व शीतलहर के चलते इस बार पतंगों की संख्या कम ही दिखी।
सरयू के हर घाट पर थी स्नानार्थियों की भीड़
दोहरीघाट : मां सरयू के पवित्र जल में डुबकी लगाने लगे थे। स्नान के बाद सबने पूजन-अर्चन किया। मंदिरों में अपने प्रभु को खिचड़ी का भोग लगाया तथा पाठकों व ब्राह्मणों को गुड़, तिल, अन्न व द्रव्य का दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। रामघाट पर भक्तों की अपार भीड़ लगी हुई थी। सुबह से ही लोग पवित्र सरयू की पावन धारा में डुबकी लगा रहे थे। मातेश्वरी घाट पर स्नान करने के बाद लोगों ने आदिशक्ति मां दुर्गा का दर्शन किया। सतगुरु महाराज आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण किया। बाबा मेला राम में भी महंत उदासी महाराज की देखरेख में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की, प्रसाद ग्रहण किया। परम संत श्रीचंद महाराज के मंदिर में भी पूजा अर्चना हुई। बेलौली धाम सोनबरसा के लक्ष्मण मंदिर में श्रीठाकुरजी की पूजा अर्चना के बाद महंत काशीदास ने आए भक्तों को प्रसाद वितरित किया। क्षेत्र में हर जगह धर्म का वातावरण था।