सरकार के आदेश से लोकवाणी केंद्र संचालक मायूस
वलीदपुर (मऊ) जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अब ब्लाक मुख्यालय से बनने के आदेश के बाद क्षेत्र के लोकवाणी केंद्र संचालकों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यही उनके कमाई का अच्छा जरिया था। ऐसे में अब जनता ब्लाक मुख्यालय से बनवा लेगी तो इनके यहां कोई नहीं आएगा। ऐसे में लोकवाणी केंद्र संचालकों का आक्रोश देखा जा रहा है। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए गांव में जन सेवा केंद्र एवं शहर में लोकवाणी केंद्र स्थापित किया है। सभी विभागों के प्रमाण पत्र एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का ऑनलाइन आवेदन उक्त केंद्रों से किया जा सके।
जागरण संवाददाता, वलीदपुर (मऊ) : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अब ब्लाक मुख्यालय से बनने के आदेश के बाद क्षेत्र के लोकवाणी केंद्र संचालकों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यही उनके कमाई का अच्छा जरिया था। ऐसे में अब जनता ब्लाक मुख्यालय से बनवा लेगी तो इनके यहां कोई नहीं आएगा। ऐसे में लोकवाणी केंद्र संचालकों का आक्रोश देखा जा रहा है। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए गांव में जन सेवा केंद्र एवं शहर में लोकवाणी केंद्र स्थापित किया है। सभी विभागों के प्रमाण पत्र एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का ऑनलाइन आवेदन उक्त केंद्रों से किया जा सके। ताकि लोगों को तहसील ब्लाक व जिला का चक्कर न काटने पड़े परंतु सरकार अब अपना रवैया बदल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र जनसेवा केंद्रों से बनने पर रोक लगा दी है। इसे लेकर जहां आम जनों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भारी दुश्वारियां झेलनी पड़ेगी वहीं केंद्र संचालकों को बेरोजगारी के पायदान पर लाकर खड़ा कर रही है। शासन द्वारा लगाए गए उक्त प्रमाण पत्रों पर प्रतिबंध को लेकर केंद्र संचालकों में काफी मायूसी है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना का कहना है कि इस सुविधा से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।
केंद्र संचालकों की कहानी उन्हीं की जुबानी
सरकार जहां बेरोजगारों को रोजगार देने का दावा कर रही है वही हम जनसेवा केंद्र/लोकवाणी केंद्र संचालकों से रोजी-रोटी छीनने का काम कर रही है। पहले तो शहरी क्षेत्रों के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र पर रोक लगा दी और अब ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमाण पत्रों के बनाने पर रोक लगा दी है। इस से केंद्र संचालक अब फाकाकसी के कगार पर पहुंच गए हैं।
मुश्ताक अहमद : संचालक लोकवाणी केंद्र
केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया होने का दावा किया जा रहा है। सरकार का सपना है कि आम जनमानस को गांव में ही सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। इसके लिए गांव में जनसेवा केंद्र स्थापित किया है परंतु जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र पर जनसेवा से रोक लगाए जाने से जहां ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं केंद्र संचालक बेरोजगार होते जा रहे है।
मनोज माल्या : जिलाध्यक्ष वीएलई एसोसिएशन
ग्रामीण क्षेत्रों के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जन सेवा केंद्रों से बंद होने हो जाने से सभी केंद्र संचालक बेरोजगारी के शिकार हो गए। सरकार को इस पर गहनता से विचार करने की आवश्यकता है।
प्रदीप गुप्ता : संचालक जनसेवा केंद्र।
पोर्टल पर जितनी भी सरकारी सेवाएं हैं। सरकार उसे चालू कराने के बजाय दिन प्रतिदिन बंद करती जा रही है। इससे कि हम केंद्र संचालकों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब परिवार की जीविका किस तरह से चलेगी कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
बंशराज यादव : संचालक जनसेवा केंद्र।
सरकार ने जनसेवा केंद्र से जन्म प्रमाण पत्र बनाने की सेवाएं समाप्त कर दी है। इसको ब्लाक कार्यालय से संबद्ध कर दिया है परंतु यहां अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान होकर बार बार केंद्रों पर आ रहे हैं।
प्रमोद यादव : जन सेवा केंद्र संचालक
जनसेवा केंद्रों द्वारा गांव में ही बनने वाले जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की सेवाएं हटाए जाने से जहां आम जनता पर काफी प्रभाव पड़ा है। हम केंद्र संचालकों को पूरे दिन दुकान पर व्यर्थ समय गुजारना पड़ रहा है। अब रोजी रोटी का कोई प्रमुख साधन नहीं रह गया है।
अवधेश कुमार : जनसेवा केंद्र संचालक
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