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आनलाइन शापिग के क्रेज से स्थानीय व्यवसाय बदहाल

अब वे दिन धीरे-धीरे दूर होते जा रहे हैं जब कोई एक सामान खरीदने के लिए लोगों को गांव से बाजार और शहर आकर दुकान-दर-दुकान भटकना पड़ता था या फिर मोलभाव में समय बिताना पड़ता था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 09:52 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 09:52 PM (IST)
आनलाइन शापिग के क्रेज से स्थानीय व्यवसाय बदहाल
आनलाइन शापिग के क्रेज से स्थानीय व्यवसाय बदहाल

जागरण संवाददाता, मऊ : अब वे दिन धीरे-धीरे दूर होते जा रहे हैं जब कोई एक सामान खरीदने के लिए लोगों को गांव से बाजार और शहर आकर दुकान-दर-दुकान भटकना पड़ता था या फिर मोल भाव में समय बिताना पड़ता था। विज्ञान और संचार तकनीक ने बाजार को हर घर तक ही नहीं, हर हाथ में पहुंचा दिया है। बस अपने मोबाइल या लैपटॉप पर क्लिक करना ही काफी है। फिर पूरी बाजार ही नहीं तमाम कंपनियां भी आपके सामने हाजिर हैं। अपना मनपसंद सामान पसंद कीजिए, उसकी पूरी क्वालिटी चेक कीजिए, विभिन्न कंपनियों के उत्पादों से तुलना कीजिए और फिर मोलभाव भी। इसके बाद क्लिक कीजिए। कुछ ही दिनों में सामान आपके घर हाजिर। इन दिनों ऑनलाइन शॉपिग या ई-शॉपिग का क्रेज छाया हुआ है। लोग दुकानों और बाजारों की खाक छानने के बजाए लैपटॉप और कंप्यूटर के जरिए अपनी पसंद की शॉपिग करना पसंद करते हैं। ऑनलाइन कंपनियां भी लोगों की इस पसंद का खूब फायदा उठा रही है। हालांकि इसका दुष्प्रभाव गांव-गली, मुहल्लों और अपने शहर के दुकानदारों के व्यवसाय पर पड़ रहा है।

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अब गांव-देहात हो या शहर लोगों की रुचि आनलाइन मार्केटिग में बढ़ती जा रही है। लोगों में खासकर युवाओं में आनलाइन खरीदारी के बढ़ते क्रेज को देखते हुए ई-शॉपिग कंपनियों के बीच भी प्रतिस्पद्र्धा बढ़ती जा रही है। एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए कंपनियां एक से बढ़ कर आफर और छूट लोगों के बीच परोस रही हैं। सबसे कड़ी टक्कर फिल्पकार्ट, स्नैपडील, मित्रा, एमेजॉन, जैबॉन जैसी बड़ी ई-कपंनियों के बीच चल रही है। इन दिनों त्योहारों के मौसम को देखते हुए रिटेलर दुकानदारों की तरह ही आनलाइन कंपनियों के भी आफर्स की बहार चल रही है। तमाम देशी-विदेशी कंपनियां भारतीय त्योहारों के बड़े बाजार को भुनाने में लगी हुई हैं। त्यौहारों के मौसम में फैशन, ब्यूटी प्रोडक्ट, इलेक्ट्रॉनिक, होम और गार्डेन अप्लायंस पर भारी छूट दी जा रही है। अपने शहर में भी युवा खास तौर से इलेक्ट्रानिक्स सामानों और मोबाइल सामानों की खरीदारी में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। अब तो तमाम कंपनियां राशन और तेल-मसाले तक की आनलाइन बिक्री करने लगी हैं परंतु अभी छोटे शहरों में उनके ग्राहक न के बराबर हैं।


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