खेतों में जीवंतता सूक्ष्मजीवों की ताकत से
जनपद के राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो में पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन दिनांक 1
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद के कुशमौर स्थित राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो में पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यशाला में आसपास के जनपदों के कुल 28 प्रगतिशील किसानों एवं ग्रामीण युवा उद्यमियों ने सूक्ष्मजीवों की महत्ता समझी। उनका प्रयोग करते हुए त्वरित कंपोस्टिग के तरीके सीखें और अपनी मिट्टी को जीवंत बनाने का संकल्प लेकर रवाना हुए। इस मौके पर प्रशिक्षक वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि खेतों में जीवंतता सूक्ष्मजीवों की ताकत से ही है। इनके प्रयोगों से खेत की मिट्टी को और ताकतवर बनाया जा सकता है।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि कौतुकी एग्रो प्रोडक्ट के मैनेजिग डायरेक्टर एपी मिश्र ने युवाओं का आह्वान किया कि वे उद्यमिता की ताकत से परिचित हों और संघर्ष एवं जोखिम लेने की क्षमता का अपने अंदर विकास करें ताकि एक अच्छे उद्यमी के रूप में स्थापित हो सकें। उन्होंने इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को वर्तमान में समय की मांग और युवाओं को प्रेरित करने वाला एक बेहतर माध्यम बताया। कहा कि मिट्टी का बेहतर प्रबंधन वास्तव में पूरे पर्यावरण और खुद के स्वास्थ्य का भी प्रबंधन है, जिसे आत्मसात करने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि डा. एसएन राय ने कहा कि कृषि अवशेषों को खेतों में जलाना एक बड़ी समस्या बन गई है। इसके प्रबंधन के लिए ब्यूरो द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण सराहनीय है। परियोजना के पार्टनर और बीएचयू के प्रोफेसर डा. वीके शर्मा ने बताया कि मिट्टी में कार्बन की मात्रा बढ़ने से उसकी जैविक शक्ति में वृद्धि कई गुना बढ़ोतरी होती है। इससे फसल उत्पादन बढ़ सकता है और उसकी गुणवत्ता भी बढ़ाई जा सकती है। कार्बन तत्वों की अधिक मात्रा मिट्टी में अधिक जल धारण क्षमता और वायु संचरण को भी बढ़ाता है। इससे मृदा स्वास्थ्य को बल मिलता है। परियोजना के प्रभारी डा.डीपी सिंह ने कहा कि कृषि अवशेषों को दो माह में पूर्ण रूप से कंपोस्ट खाद में बदलने की प्रक्रिया का लाभ लेकर किसान और ग्रामीण युवा अपना उद्यमिता विकास कर सकते हैं। वैज्ञानिक डा.संजय गोस्वामी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।