Move to Jagran APP

मुख्तार अंसारी गिरोह के तीन ठीकेदारों का लाइसेंस निरस्त

जागरण संवाददाता मऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराधियों के विरुद्ध छेड़े गए अभियान के

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 08:11 PM (IST)
मुख्तार अंसारी गिरोह के तीन ठीकेदारों का लाइसेंस निरस्त
मुख्तार अंसारी गिरोह के तीन ठीकेदारों का लाइसेंस निरस्त

जागरण संवाददाता, मऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराधियों के विरुद्ध छेड़े गए अभियान के तहत कार्रवाई का कारवां लगातार चलता ही जा रहा है। आए दिन जनपद में मुख्तार अंसारी गिरोह के भू-माफिया, मछली माफिया, अवैध स्लाटर हाउस संचालक, कोल माफिया आदि पर लगातार कार्रवाई प्रशासन कर रहा है। अब प्रशासन ने विधायक के गिरोह से जुड़े ठेकेदारों को निशाने पर लिया है। इसी के तहत गलत तथ्यों के आधार पर पीडब्ल्यूडी, आरईएस, पीएमएसवाइ आदि तमाम सरकारी विभागों में ठीका हासिल कर निर्माण कार्य कराने वाले तीन ठीकेदारों का लाइसेंस जिलाधिकारी ने मंगलवार को निरस्त कर दिया।

loksabha election banner

इस संबंध में बताया कि नगर कोतवाली के भीटी निवासी कमला सिंह को ठीकेदारी का लाइसेंस 18 अक्टूबर 2019 को जारी हुआ था। लाइसेंस प्राप्त करते समय कमला सिंह ने शपथ पत्र में अपने पुत्र का आपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया था, जबकि कमला सिंह के पुत्र जयप्रकाश सिंह के विरुद्ध कई अभियोग पंजीकृत है। जांच में पाया गया कि कमला सिंह की उम्र 60 वर्ष के करीब है, उनके नाम पर उनका पुत्र ठीकेदारी करता है। इसी तरह कोतवाली के भीटी निवासी हजारी सिंह की पत्नी माया सिंह का भी लाइसेंस 12 दिसंबर 2017 को जारी हुआ था। प्रार्थना पत्र देते समय माया सिंह ने अपने सगे-संबंधियों पर आपराधिक मुकदमे न होने की बात की थी जबकि उनके पति के विरुद्ध कोतवाली व थाना सरायलखंसी में कुल 06 मुकदमे पंजीकृत हैं तथा वह अपनी पत्नी के नाम पर लाइसेंस बनाकर खुद ठीकेदारी करता है। इसी तरह सरायलखंसी थाना क्षेत्र के आदेडीह निवासी बृजनाथ सिंह को लाइसेंस 08 मार्च 2018 को जारी हुआ था। जांच के दौरान पाया गया कि बृजनाथ सिंह के द्वारा ठीकेदारी का कार्य न करके उनके पुत्र हजारी सिंह के द्वारा किया जाता है जबकि हजारी सिंह पर कोतवाली व थाना सरायलखंसी में कुल 06 मुकदमे पंजीकृत दर्ज हैं।

उधर सपा के जिला उपाध्यक्ष हजारी सिंह का नाम मुख्तार अंसारी से जुड़ने पर बुधवार को लोग आश्चर्यचकित है। लोगों का कहना है कि हजारी के विरुद्ध चाहे भले ही आपराधिक मुकदमे हों और गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो चुकी हो लेकिन कभी उनका नाम विधायक गैंग के साथ नहीं सुना गया था। बल्कि वर्ष 2003 में जब ठेकेदारों पर मुख्तार के गुर्गों का कहर टूटा था तो हजारी सिंह ने ठेकेदारों को दौड़ा रहे गुर्गों को ललकारा था। इस संबंध में अब पुलिस की जांच में उनके विरुद्ध चाहे जो इनपुट हो, लेकिन उनका नाम विधायक के गैंग से जुड़ने से लोगों को आश्चर्य ही हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.