जल संरक्षण का पाठ पढ़ा रहा बड़का पोखरा
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : यह पोखरा महज नाम का ही बड़का है नहीं वरन नाम को चरितार्थ
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : यह पोखरा महज नाम का ही बड़का है नहीं वरन नाम को चरितार्थ भी करता है। लगभग दो एकड़ के क्षेत्रफल में फैले इस पोखरा के चारों भीटा पर विशालकाय पेड़ फल एवं छाया देने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की नजीर हैं। धार्मिक आस्था से जुड़ा और कभी न सूखने वाला यह जलाशय जल संरक्षण का पाठ भी पढ़ाता है।
तहसील अंतर्गत मूंगमांस गांव के पश्चिमोत्तर सिवान में स्थित मनोहारी आयताकार जलाशय कब खोदा गया या किसने खोदाई कराया कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है। बहरहाल इस जलाशय के किनारे सती स्थान का होना इस जलाशय की खोदाई गांव के आबाद होने के साथ ही की जाने की संभावना है। गांव के मवेशी भी दिन भर चरने के साथ ही इसका पानी पीते थे। बहरहाल ऊंचे विशालकाय भीटा के बीच स्थित यह गहरा जलाशय इस गांव के पूर्वजों की जल संरक्षण एवं जल संचय के प्रति जागरूकता का प्रतीक है तो जलाशय के चारों तरफ कुछ फलदार एवं कुछ छायादार घने वृक्ष लगाने के पीछे मंशा भले ही सिवान में कृषि कार्य करने के बाद थकान मिटाने के लिए इनकी छांव में आराम करनी रही हो पर निश्चित ही उनका पर्यावरण प्रेम भी प्रदर्शित होता है।
------------- होगा पौधरोपण, बनेगा अनुकरणीय
'जागरण'द्वारा गोद लिया गया यह जलाशय आने वाले दिनों में मिनी बनदेवी होगा। यहां के ग्राम प्रधान गिरिजादत्त पांडेय ने इस जलाशय के चारों तरफ भीटा के नीचे एवं सड़क के किनारे पौधे लगाए जाने के साथ ही हैंडपंप की व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया है। प्रधान श्री पांडेय यहां पर शेड एवं सीढ़ी निर्माण की भी बात करते हैं। उन्होंने आने वाले दिनों में जलाशय से लगभग तीन सौ मीटर दूर स्थित शंकर जी के स्थान तक इंटरला¨कग मार्ग बनाए जाने का दावा किया है।