जिला प्रशासन के निशाने पर 11 भू-माफिया
शिक्षा विभाग की भूमि के दोबारा सीमांकन के बाद तहसीलदार ने बनाई रिपोर्ट - नई रिपोर्ट में भी 11 दबंगों का अवैध कब्जा प्रमाणित - पैमाइश की रिपोर्ट को हाईकोर्ट में भेजने की हुई तैयारी
जागरण संवाददाता, मऊ : शहर के सहादतपुरा मुहल्ले में स्वदेशी काटन मिल के पास स्थित शिक्षा विभाग की करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन पर सीमांकन के बाद एक बार फिर से 11 दबंगों के अवैध कब्जे की रिपोर्ट सामने आने लगी है। दोबारा शिक्षा विभाग की भूमि के कड़ी दर कड़ी सीमांकन के बाद तहसीलदार ओमप्रकाश पांडेय ने पुरानी पैमाइश को सही करार देते हुए रिपोर्ट तैयार कर अग्रिम कार्रवाई के लिए उसे जिलाधिकारी के समक्ष प्रेषित कर दिया है। उधर, भू-माफियाओं के विरुद्ध डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी के आक्रामक रुख से दबंगों की नींद उड़ी हुई है।
शिक्षा विभाग की भूमि गाजीपुर तिराहा, फातिमा चौराहा एवं स्वदेशी काटन मिल रोड के बीच स्थित है। वर्तमान में शहर के इस क्षेत्र की भूमि पर एक मंडे की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक और मुंहमांगी है। अवैध कब्जे की शिकायत मिलने पर डीएम ने बीते जनवरी माह में राजस्व टीम के साथ शिक्षा विभाग की पूरी जमीन की पैमाइश कराई थी। इस दौरान शिक्षा विभाग के कुल रकबा 1.983 हेक्टेयर के मुकाबले 1.879 हेक्टेयर क्षेत्रफल ही मौके पर पाया गया। वहीं, लगभग 0.104 हेक्टेयर भूमि पर दबंगों का अवैध कब्जा मिला था। सदर तहसीलदार ओमप्रकाश पांडेय ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश एवं डीएम के निर्देश पर शनिवार को शिक्षा विभाग के रकबे की एक बार फिर से नापी कराई गई। इंच-इंच जमीन की पैमाइश के बाद यह पाया गया कि 0.104 हेक्टेयर भूमि पर दबंगों का कब्जा और निर्माण बरकरार है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर डीएम को भेज दी गई है। इनसेट --
किसका-किसका मिला है कब्जा
अवैध कब्जे की जद में सुशीला पत्नी सूर्यनाथ का अहाता एवं दुकान, बादामी पत्नी दुखरन का मकान, निधि पत्नी राकेश का मकान, कृष्ण कुमार पुत्र त्रिलोकीदास अग्रवाल का अहाता, अनिशा राय पत्नी अतुल राय का मकान, शारदा पत्नी जयप्रकाश जायसवाल का अहाता, विद्यावती सिंह पत्नी राजेंद्र सिंह का अहाता, उत्तरा सिंह पत्नी अजय सिंह का मकान, निर्मला पत्नी राधेश्याम का मकान, संजय सिंह पुत्र जगत नारायण सिंह का मकान व अहाता तथा आभा सिंह पत्नी मनोज सिंह का मकान अतिक्रमण की जद में पाए गए हैं। इसी वर्ष चार जनवरी शहर कोतवाली में सभी 11 अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध संबंधित धाराओं में एफआइआर भी दर्ज कराया जा चुका है।