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अभी तो उंट के मुंह में जीरा है गेहूं की खरीद

जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार गत वर्ष की तुलना में काफी धीमी है। इस बार फसल तो अच्छी है पर गत वर्ष की तरह ही मौसम का बदला रुख किसानों को डरा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:51 PM (IST)
अभी तो उंट के मुंह में जीरा है गेहूं की खरीद
अभी तो उंट के मुंह में जीरा है गेहूं की खरीद

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार गत वर्ष की तुलना में काफी धीमी है। इस बार फसल तो अच्छी है पर गत वर्ष की तरह ही मौसम का बदला रुख किसानों को डरा रहा है। इस बार क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 65 कर दी गई है तो लक्ष्य भी 53 हजार मीट्रिक टन कर दिया गया है। उधर एक तो क्रय केंद्र सुव्यवस्थित होने में समय लगा तो दूजे इस बार अच्छी तरह से पछ़ुआ बयार न चली है। तीन दिन पूर्व पछुआ हवा ने रुख किया तो मंगलवार से ही मौसम का रुख बदल गया और हल्की बूंदाबांदी भी हुई। ऐसे में गेहूं खरीद की गति में संभावित वृद्धि एक बार फिर थम सी गई है। 53 हजार एमटी के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक महज 1325 एमटी ही गेहूं खरीदा जा सका है।

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जनपद में कम बारिश के चलते धान की फसल भले ही प्रभावित हुई पर जमकर ठंडक न पड़ने के बावजूद गेहूं की फसल अच्छी है। मार्च माह में हुई बरसात ने थोड़ा प्रभाव अवश्य डाला पर औसत रूप से गेहूं की फसल ठीक है। अप्रैल माह में पछुआ बयार न चलने के चलते बाली भले ही सूख गई है पर डंठल काफी विलंब से सूखा है। इसके चलते गेहूं की कटाई विलंब से हो रही है। गेहूं की कटाई प्रारंभ ही हुई है कि मौसम ने एक बार फिर तेवर बदला है। अभी गेहूं की फसल खेत में खड़ी है या मंड़ाई हेतु खलिहान में बोझ रखे हैं। चंद किसानों ने ही कटाई पूरी कर लिया है। इस बीच मंगलवार की दोपहर बाद हल्की बारिश और तेज हवा चली तो बुधवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। कहीं-कहीं एक-दो बूंद भी गिरी है। इसके चलते किसान डरे-सहमे हैं। मंगलवार एवं बुधवार को कंबाइन मशीन से कटाई तो हुई पर बाली से पूरे दाने नहीं निकल सके हैं। विलंबित कटाई के कारण क्रय केंद्रों पर भी इक्के-दुक्के किसान ही पहुंच रहे हैं। हाल यह कि एक अप्रैल से गेहूं की खरीद भले ही प्रारंभ हुई है पर पूरे जिले में अभी तक 13235 एमटी ही गेहूं क्रय हो सका है। बहरहाल यह तय है कि अब मौसम में सुधार होने के साथ ही कटाई ही नहीं क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने की रफ्तार भी बढ़ेगी।

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जिले में बोरे एवं भुगतान हेतु आवश्यक धनराशि पर्याप्त है। किसान सूखा और साफ गेहूं क्रय केंद्रों पर ले आएं। हर हाल में मानक के अनुसार गेहूं की खरीद होगी। केंद्र प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत कर दिया गया है। पूर्व से पंजीकृत किसान नए सिर से किसी भी जनसेवा केंद्र से अपना रकबा और बेची जाने वाली संभावित मात्रा बेवसाइट पर अंकित कर लाक करा दें।'

-दिनेश तिवारी जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी

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आ‌र्द्रता अधिक होने पर होगी कटौती

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने गेहूं खरीद के लिए आ‌र्द्रता का मानक अधिकतम 12 फीसदी तय किया है। आ‌र्द्रता इससे अधिक पर 14 फीसदी से कम होने पर मूल्य में एक फीसदी की कटौती होगी।


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