तमसा की गोद में उतरी जेसीबी व पोकलैंड
तमसा नदी की साफ-सफाई के तीसरे दिन मंगलवार को जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी द्वारा नगर क्षेत्र के भदेसरा घोड़ा दलाल की बारी बमघाट गायघाट एवं सहरोज नौसेमरघाट पर हो रही सफाई का निरीक्षण किया गया।
जागरण संवाददाता, मऊ : पौराणिक काल से अवध क्षेत्र से लगायत पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों को अभिसिचित करने वाली पतित पावनी व जीवनदायिनी रही तमसा के उद्धार के लिए चल रहा अभियान तीसरे दिन मंगलवार को भी पूरे जनपद में जारी रहा। जनपद में नदी की 56 किलोमीटर की लंबाई में साफ-सफाई जोर-शोर से की गई। प्रशासन के सहयोग से जेसीबी व पोकलैंड जैसी भारी-भरकम मशीनें भी नदी की गोद में उतर पड़ीं। जमी गाद व कीचड़ को साफ करने के क्रम में और तेजी आ गई।
शहन में बमघाट से लगायत संगत घाट तक जहां दो जेसीबी मशीनें लगाकर गाद व कीचड़ निकाला जा रहा था, वहीं गायघाट पर शेरशाह सूरी के काल के ध्वस्त पुल के शेष बचे ऐतिहासिक मलबे को हटाने के लिए पोकलैंड लगाई गई थी। इसके माध्यम से नदी के प्रवाह में अवरोधक बने भारी-भरकम चट्टानों को हटवाया गया। नदी की गोद से निकली कीचड़ से बनाएं खाद
जिलाधिकारी ने सफाई कर रहे कर्मचारियों एवं स्वयंसेवी संगठनों से कहा कि नदी से जो शैवाल निकाली जा रही है उसे नष्ट न करें। इससे जैविक खाद बनाए जाने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी के निर्देश पर जनपद मऊ के दोनों तरफ आजमगढ़ बार्डर से लेकर बलिया के बार्डर तक 43 ग्राम पंचायतों से होते हुए कुल 56 किलोमीटर तक सफाई की जानी है। इस अभियान को 18 जून तक चलाया जाएगा। अलग-अलग सेक्टर अधिकारी एवं सहायक सेक्टर अधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा तमसा नदी की सफाई की जा रही है। अपील की गई कि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं, जिससे आने वाला भविष्य सुखद हो। इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी सदर डा. अंकुर लाठर, डीएफओ संजय विश्वाल, नगर पालिका चेयरमैन तैयब पालकी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, अधिशासी अभियंता, लेखपाल, श्रीगंगा-तमसा सेवा मिशन सहित अनेक स्वयंसेवी संगठनों के लोग उपस्थित थे।