Move to Jagran APP

बाडी प्रोटेक्टर से लैस होगें जेल कर्मी

आए दिन जेल में होनी वाली घटनाओं के बाद सुरक्षाकर्मियों पर उठ रहे सवाल को लेकर शासन पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है। अब जेल में होने वाली घटनाओं से बचने के लिए जेल कर्मियों को बाडी प्रोटेक्टर प्रदान किया जाएगा। इससे न सिर्फ जेल कर्मियों की सुरक्षा होगी बल्कि ईंट-पत्थर चलने पर वह आसानी से उपद्रवियों का मुकाबला कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 06:33 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 06:33 PM (IST)
बाडी प्रोटेक्टर से लैस होगें जेल कर्मी
बाडी प्रोटेक्टर से लैस होगें जेल कर्मी

सुनील कुमार श्रीवास्तव, पलिगढ़ (मऊ)

loksabha election banner

आए दिन जेल में होनी वाली घटनाओं के बाद सुरक्षाकर्मियों पर उठ रहे सवाल को लेकर शासन पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है। अब जेल में होने वाली घटनाओं से बचने के लिए जेल कर्मियों को बाडी प्रोटेक्टर प्रदान किया जाएगा। इससे न सिर्फ जेल कर्मियों की सुरक्षा होगी बल्कि ईंट-पत्थर चलने पर वह आसानी से उपद्रवियों का मुकाबला कर सकेंगे।

जेल में कुल 590 बंदी मौजूद हैं जबकि इसकी क्षमता 540 की है। इसमें 34 महिला बंदी व 556 पुरुष बंदी हैं। इनकी सुरक्षा के लिए जेल अधीक्षक, जेलर, दो डिप्टी जेलर, 11 प्रधान बंदी रक्षक, 16 बंदी रक्षक, एक हेड वार्डेन महिला, तीन स्वीपर व एक गार्ड तैनात हैं। इनकी जिम्मे जेल की सारी सुरक्षा की जिम्मेदारी है। यह जेल परदहां ब्लाक के पिजड़ा गांव में है। यानी जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर है। प्रदेश की जेलों पर नजर डाला जाए तो किसी न किसी जेल में आए दिन कोई न कोई बवाल होता रहता है। यही नहीं कैदी गुटों के बीच संघर्ष भी हो जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से जेल कर्मियों को इनका मुकाबला करना पड़ता है। इसकी वजह से बंदियों के साथ जेलकर्मी भी चोटिल हो जाते हैं। कभी कभार तो जेल के गेट पर गोली तक चल जाती है। इस तरह के मामलों से जेल आए दिन तक सुर्खियों में रहते हैं। इन घटनाओं को देखते हुए शासन ने अब जेल के सुरक्षाकर्मियों को बाडी प्रोटेक्टर देने का फैसला लिया है। यह सिर से लेकर पैर तक का एक प्रकार का ऐसा पोशाक है जिसके पहनने के बाद उस पर लाठी डंडा व ईंट पत्थर से किए गए प्रहार से बिल्कुल असरदायी नहीं रहेंगे। वे बिना भय के कैदियों द्वारा किए गए किसी भी प्रहार को मात दे सकते हैं।

-----------------

यह पोशाक शासन की तरफ से शीघ्र आने वाला है। इसमें सुरक्षा कर्मी के सभी अंग महफूज रहेंगे। कभी-कभी जेल में निरुद्ध कैदी नासमझी के चलते अपना आपा खो देते हैं। इसके कारण कुछ जेलों में विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है और ईंट पत्थर चलाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में शासन का यह कदम बेहतर साबित होगा।

-अविनाश गौतम, जेल अधीक्षक, मऊ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.