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दो सप्ताह से अधिक की खांसी को ना समझें आसान

सीबीसीआई कार्ड संस्था एवं राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण केंद्र द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परदहा में एक दिवसीय क्षय रोगियों के मध्य पेशेंट चार्टर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य मरीजों को विश्व स्वास्थ संगठन के द्वारा जारी घोषणा पत्र पर चर्चा करना था। इसमें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:06 AM (IST)
दो सप्ताह से अधिक की खांसी को ना समझें आसान
दो सप्ताह से अधिक की खांसी को ना समझें आसान

जागरण संवाददात, मऊ : सीबीसीआई कार्ड संस्था एवं राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण केंद्र द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परदहा में एक दिवसीय क्षय रोगियों के मध्य पेशेंट चार्टर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य मरीजों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा जारी घोषणा पत्र पर चर्चा करना था। इसमें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

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कार्यक्रम के दौरान क्षय रोग से स्वस्थ हुए मरीजों का माला पहनाकर स्वागत किया गया। उसके पश्चात अधीक्षक डा.डीके सिंह ने मरीजों से उनके खान-पान और दवा वितरण के संदर्भ में जानकारी दी। एसटीएस उदयभान ने मरीजों को सही समय पर फालोअप कराने हेतु प्रेरित किया। चेस्ट फीजिशियन डा.राहुल आनंद ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मरीजों में व्याप्त डाट्स दवा के प्रति भ्रांतियों को दूर करते हुए प्रभावी रूप से दवा लेने का परामर्श दिया एवं कुछ मरीजों को दवा खाने से होने वाले दुष्प्रभाव पर उचित परामर्श प्रदान किया। अगले चरण में क्षय रोग से ग्रसित एमडीआर पेशेंट के घर जिला क्षय रोग अधिकारी डा.एसपी अग्रवाल एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक नागेंद्र पांडेय ने पहुंचकर मरीज को पुष्टाहार देते हुए स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया।

सीबीसीआइ कार्ड संस्था के जिला समन्वयक अनिल रैदास ने उक्त कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से अपील की कि यदि उनके आसपास मुहल्ले में या परिवार में या रिश्तेदारों में किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक की खांसी आना, भूख कम लगना, वजन का घटना, बुखार का चढ़ना, बलगम में खून के छींटे आना, बच्चों को बार-बार सर्दी जुखाम होना जैसे लक्षण आ रहे हैं तो बिना विलंब किए निकट के सरकारी अस्पताल में जाकर के बलगम की जांच अवश्य रूप से करवा दें। सरकार के द्वारा क्षय रोगियों की पहचान करते हुए उन्हें निश्शुल्क रूप से डाट्स पद्धति के अंतर्गत उपचारित किया जाता है एवं निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 500 रुपये दवा चलने तक कुल तीन हजार रुपये उनके खाते में भेजे जाते हैं। इससे मरीज बाजार से पौष्टिक आहार एवं हरी सब्जियां खरीद कर खा सकें। बताया गया कि क्षय रोग की सभी जांचें एवं संपूर्ण उपचार जिले के समस्त शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध है।


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