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महानगरों से लौटती ट्रेनों में चढ़ना-उतरना मुश्किल

मांगलिक आयोजनों के शुरू होने के बाद एक बार फिर से ट्रेनों में भीड़ के रिकार्ड टूटने शुरू हो गए हैं। सबसे ज्यादा खचाखच भीड़ महानगरों से लौट रही ट्रेनों में देखने को मिल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 07:44 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:23 AM (IST)
महानगरों से लौटती ट्रेनों में चढ़ना-उतरना मुश्किल
महानगरों से लौटती ट्रेनों में चढ़ना-उतरना मुश्किल

जागरण संवाददाता, मऊ : मांगलिक आयोजनों के शुरू होने के बाद एक बार फिर से ट्रेनों में भीड़ के रिकार्ड टूटने शुरू हो गए हैं। सबसे ज्यादा खचाखच भीड़ महानगरों से लौट रही ट्रेनों में देखने को मिल रही है। आलम यह है कि मुंबई व दिल्ली की ओर से आ रही ट्रेनों में आगे के सफर के लिए लोगों का चढ़ना-उतरना मुश्किल हो जा रहा है। चढ़ने-उतरने की आपाधापी में रोज दर्जनों यात्रियों के हाथ-पांव छिल रहे हैं। ट्रेन के भीतर सामान पहुंचाने में यात्रियों की सांसत हो जा रही है।

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मऊ जंक्शन से होकर जाने वाली साबरमती, दादर, गोदान, लिच्छवी, मऊ-आनंद विहार आदि ट्रेनें जब महानगरों से वापसी का सफर शुरू कर रही हैं तो स्लीपर बोगी की हालत भी जनरल की तरह ही हो जा रही है। जनरल बोगी में भीड़ के चलते चढ़ पाना मुश्किल हो जा रहा है। लिच्छवी व दादर में लोगों को पायदान पर खड़े-खड़े ही कई-कई स्टेशन पार करते देखा जा रहा है। ट्रेन पर सवार होने की हड़बड़ी में लोग जान तक की बाजी लगाते दिख रहे हैं। स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि सामान्य दिनों में मऊ जंक्शन से होकर प्रतिदिन 10 हजार यात्रियों का आवागमन होता है। वर्तमान समय में यात्रियों की संख्या बढ़ी हुई है। सबसे ज्यादा महानगरों की ओर से आने वाली ट्रेनों से लोग उतर रहे हैं। इनसेट :

पानी की बढ़ी मांग

गर्मी के चलते प्यास लगते देर नहीं लग रही है। इसके चलते पानी की मांग बढ़ गई है। शीतल जल प्याऊ पर हमेशा बोतल या गैलन भरने वाले यात्रियों की भीड़ लगी रह रही है।


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