मोबाइल पर किसानों को पंजीकरण, खरीद व भुगतान की जानकारी
जागरण संवाददाता मऊ धान व गेहूं खरीद के समय किसानों के साथ होने वाली अनियमितताओं व लूट
जागरण संवाददाता, मऊ : धान व गेहूं खरीद के समय किसानों के साथ होने वाली अनियमितताओं व लूट-खसोट पर ब्रेक लगाने की पूरी तरह से तैयारी कर ली गई है। अब मोबाइल पर ही किसानों को पंजीकरण, खरीद व भुगतान की जानकारी आसानी से मिलती रहेगी। इसके लिए शासन की तरफ से गूगल पर 'यूपीकिसान' एप लांच कर दिया गया है। धान व गेहूं बेचने के साथ ही किसानों के भुगतान की सारी प्रक्रिया आनलाइन हो जाएगी। इसके बाद किसान अपने भुगतान की स्थिति को आसानी से देखकर आकलन कर सकते हैं।
जनपद में गेहूं खरीद के दौरान 254 से अधिक किसान अंत्योदय कार्डधारक थे। इन्होंने लाखों रुपये के गेहूं बेचकर अपने खाते में भुगतान भी कराया था। यह मामला पकड़ में आया तो इन सभी किसानों के कार्ड निरस्त कर दिए गए। गेहूं खरीद योजना अंतर्गत घोसी तहसील के पीसीएफ केंद्र लाखीपुर व सेमरी जमालपुर में केंद्र प्रभारियों द्वारा कुछ किसानों का गेहूं केंद्र पर रखवा लिया गया था लेकिन खरीद आनलाइन नहीं किया गया था। इसकी शिकायत डीएम से किसानों ने की थी। जिलाधिकारी ने डिप्टी आरएमओ विपुल सिन्हा से इसकी जांच कराई तो शिकायत सत्य पाई गई थी। इस पर दोनों केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
क्या है किसान एप ......
-खसरा, खतौनी एवं नक्शे की प्रतिलिपि प्राप्त करना।
-बोई गई फसलों की स्व-घोषणा करना।
-शासन द्वारा समय-समय पर जारी सलाह आदि प्राप्त करना।
- आधार नंबर द्वारा खाता लिंकिग कराना उगाई गई फसलों की प्रविष्टि भी हो जाएगी
इस एप का उपयोग कर भूमिस्वामी राजस्व अभिलेखों में स्व-घोषणा द्वारा अपनी भूमि पर उगाई गई फसलों की प्रविष्टि करा सकता है। यह प्रावधान खरीफ 2018 से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसान द्वारा की गई स्व-घोषणा का सत्यापन भूअभिलेखों में दर्ज कर दिया जाएगा। भूमिस्वामी द्वारा एक बार स्व-घोषणा की प्रक्रिया के माध्यम से जानकारी जमा कर देने के उपरांत वह जानकारी नहीं बदल सकेगा। यदि भूमिस्वामी जानकारी को बदलना चाहता है, तो उसे तहसीलदार को कारण बताते हुए आवेदन जमा करना होगा। तहसीलदार आवश्यक होने पर जांच कर सकता है एवं निर्णय उपरांत परिवर्तन के अनुरोध को स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है। किसान प्ले स्टोर में जाकर किसानएप को डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद धान पंजीकरण कराने के बाद वह खरीद व भुगतान की तिथि आदि देख सकते हैं। अगर उनका पंजीकरण व सत्यापन क्लीयर नहीं रहेगा तो वह संबंधित अधिकारी के यहां शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
-विपुल कुमार सिन्हा, डिप्टी आरएमओ।