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सुधारें खान-पान और नशा, कम करें वसा

कहते हैं दिल ठीक तो सब ठीक। यह बात सोलह आने सच भी है। दिल शरीर का अहम अंग है लेकिन असंतुलित खान-पान गलत आदतों और व्यायाम नहीं करने के कारण दिल की बीमारियां (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) हो जाती हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 05:48 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 05:48 PM (IST)
सुधारें खान-पान और नशा, कम करें वसा
सुधारें खान-पान और नशा, कम करें वसा

जागरण संवाददाता, मऊ : कहते हैं दिल ठीक तो सब ठीक। यह बात सोलह आने सच भी है। दिल शरीर का अहम अंग है, लेकिन असंतुलित खान-पान, गलत आदतों और व्यायाम नहीं करने के कारण दिल की बीमारियां (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) हो जाती हैं। आधुनिक जीवनशैली के बीच दिल की बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। कुछ बातों का ध्यान रखकर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। रविवार को जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न-प्रहर में डीएम कार्डियो डा. गोपालकृष्ण राय ने पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए हृदय रोगों के खतरों से बचने के उपाय बताए तथा लोगों की समस्याओं के संबंध में समुचित सलाह भी।

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सवाल : हृदय रोगों के होने के कारण क्या हैं, इनसे बचने के उपाय भी बताएं।

जवाब : आम तौर पर मोटापा, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्राल का हाई लेवल हृदय रोग के खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। धूम्रपान, शराब का सेवन, तनाव, अनियमित दिनचर्या, चिता आदि भी इसके लिए जिम्मेदार है।

सवाल : हार्ट फेल क्याों होता है।

जवाब : हार्ट फेल होने की अनेक वजहों में से एक वजह यह भी है कि हृदय की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। अंदर का चैंबर छोटा हो जाता है। हृदय को आराम करने की उस स्थिति में जाने का मौका नहीं मिल पाता जिससे कि खून पंप होकर बाहर जा सके। ऐसी स्थिति में खून वापस फेफड़ों में चला जाता है। जो हार्ट फेल होने का कारण बनता है। सवाल : अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बच्चों में भी हृदय रोग हो जाता है, दिल में छेद पैदायशी होता है, आखिर वे तो कुछ ऐसा-वैसा खाते-पीते नहीं।

जवाब : उन बच्चों के हृदय की बीमार गर्भावस्था में ही विकास ठीक ढंग से न हो पाने के कारण हो जाती है। डेवलपिग पीरियड में बच्चों का हृदय ठीक से बन नहीं पाता और उनमें कमियां रह जाती हैं। बाद में उनका इलाज कर अधिकांश दोष दूर कर लिया जाता है। पूरा समुचित इलाज कमियों को देखते हुए ही ठीक किया जा सकता है। सवाल : मेरी उम्र 30 वर्ष है। सीने में दर्द होता है कभी-कभी। चलने में भी दर्द होता है।

जवाब : सीने में दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं। यह दर्द गैस आदि से भी हो सकता है। जरूरी नहीं कि सीने का हर दर्द एंजाइना ही हो, परंतु बेहतर होगा कि आप किसी विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखा लें। धूम्रपान या कोई नशा करते हों तो तत्काल उससे छुटकारा पा लें। सीने के दर्द को इग्नोर नहीं किया जा सकता। अपनी बीपी आदि चेक करवा लें। सवाल : मेरी हृदय रोग की दवा चलती है, फिर भी अक्सर समस्या बनी रहती है।

जवाब : नियमित आहार लें। धूम्रपान से बचें। आउटडोर एक्सरसाइज करें। सवाल : हृदय रोग न हों, इसके लिए क्या उपाय करने चाहिए।

जवाब : 40 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से अपनी बीपी आदि चेक करते रहें। खान-पान में सुधार लाएं। शुगर लेवल, कोलेस्ट्राल को नियंत्रित रखें। यदि माता-पिता में से कोई उच्च रक्तचाप या हृदय रोगी हो तो और भी सजग रहने की आवश्यकता है। यह बीमारी आनुवंशिक भी होती है।

इन्होंने पूछे सवाल--

शिवजी वर्मा रतनपुरा, धर्मप्रकाश टड़वां, विनय कुमार घोसी, शिवशंकर चिरैयाकोट, नीतू वर्मा मऊ, सावित्री दोहरीघाट, अरविद सलाहाबाद।


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