एक दिन में वो कमाल किया है हुसैन ने
Þएक दिन में वो कमाल किया है हुसैन ने, सदियों का दिल नेहाल किया है हुसैन नेÞ दुनिया के मारूफ एवं मशहूर नौहाखां आमिर हसन ने
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : एक दिन में वो कमाल किया है हुसैन ने, सदियों का दिल नेहाल किया है हुसैन ने दुनिया के मारूफ एवं मशहूर नौहाखां आमिर हसन ने 8 रबीउल अव्वल यानी अय्यामे अजा के आखिरी दिन शनिवार को जब कुछ ऐसे ही नौहे अपने अंदाज एवं रौ में पढ़े तो स्थानीय नगर का बड़ागांव मुहल्ला मातमी माहौल में नहा उठा। इस बार खास बात यह रही कि एक नौहा समाप्त होने पर हुसैन वाले अभी गम में डूबे ही रहे कि मौलाना शफकत तकी कुम्मी उस नौहे का बयान और तकरीर कर गम को कई गुना बढ़ाते रहे। यह सिलसिला पूरे दिन तक चलता रहा।
बड़ागांव नगर हुसैन वालों का है, अजादारों का है, इसका पुख्ता प्रमाण मिला पैगंबर-ए-इस्लाम अलैय वसल्लम हजरत मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत के साठवें रोज। शनिवार को आलम यह कि जब मस्जिदे जहरा से अलम एवं ताबूत का जुलूस निकाला तो हर घर खाली हो गया। अजादारों में खवातिनों एवं बच्चों की शिरकत ने तादाद ऐसी बना दिया कि नौहा एवं तकरीर के दरम्यान तिल भर जगह न बची। हजारों हाथ एक साथ मातम करते तो'या अली.या हुसैन'की गूंजती सदा दूर तलक सुनायी दी। नगर की अंजुमनों सहित एक बाहरी अंजुमन ने जब करबला का मंजर बयां किया कि नबी के नवासे हुसैन का जिस्मे मुबारक करबला में रेत में पड़ा है, यजीदी फौज उनके जिस्म को पामाल कर रही हैं, बेड़ियों में कैद बहन जैनब बेबस है और अपनी आंखें से देख रही है। जनाबे जैनब की यह कैफियत सुनकर हुसैनवाले अश्कवार हो उठे। जुलूस के दरम्यान तकरीर ने सभी को गम में डुबोया। आमिर के नौहों -हुसैन जिदांबाद-हुसैन ¨जदाबाद और अब आज से बिन बाप की कहलाओगी बेटी जैसे गम की चासनी में डूबे तमाम नौहे पेश किया। नौहों और तकरीर के जरिए एक खूबसूरत संदेश मिला कि दुनिया में इमाम हुसैन एवं जनाबे जैनब जैसे भाई-बहन नहीं हुए। यह भाव एक बार फिर इस फानी दुनिया में यकीन एवं कामिल की अंतिम मंजिल तक पहुंचा। बहरहाल मस्जिदे जहरा से निकला जुलूस देर सायं सदर इमाम बारगाह पर तमाम हुआ।